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बैंक घोटाले में ED की बड़ी कार्रवाई, अजित पवार की पत्नी की शुगर मिल अटैच  

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जिस शुगर मिल को अटैच किया गया है वो महाराष्ट्र सरकार के उप मुख्यमंत्री अजित पवार की कंपनी से जुड़ी हुई है. यह अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा अजित पवार की कंपनी है.
नई दिल्ली: प्रववर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र सहकारी को ऑपरेटिव बैंक घोटाले मामले में 65.75 करोड़ की शुगर मिल अटैच की है. जिस शुगर मिल को अटैच किया गया है वो महाराष्ट्र सरकार के उप मुख्यमंत्री अजित पवार की कंपनी से जुड़ी हुई है. यह अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा अजित पवार की कंपनी है. बता दें कि अजीत पवार NCP के नेता हैं और शरद पवार के भतीजे हैं.
मनी लॉड्रिंग मामले के तहत हुई कार्रवाई
ED ने महाराष्ट्र सरकार की आर्थिक अपराध शाखा में साल 2019 में दर्ज मामले पर मनी लॉड्रिग का मामला दर्ज कर कारवाई शुरू की थी. आरोप था कि महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक ने सहकारी शुगर कारखाना बहुत कम दामों पर अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को बेच दी. वो भी बिना सरफेसी कानून का पालन किए. इसी के बाद मामला बॉम्बे हाइ कोर्ट में गया और महाराष्ट्र पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने मामला दर्ज किया और फिर ED ने भी अपनी जांच शुरू की.
जांच में पाया गया कि महाराष्ट्र के सतारा मे M/s Jarandeshwar Sahkari Sugar Karkhana को M/s Guru Comodity Service Pvt Ltd ने साल 2010 में 65.75 करोड़ में खरीद लिया और तुरंत इस शुगर मिल को M/s Jarandeshwar Sugar Mills Pvt Ltd को लीज पर दे दिया. लेकिन इस कंपनी की ज्यादातर हिस्सेदारी अजित पवार और उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार की कंपनी M/s Sparkling Soil Pvt Ltd के पास है. अजीत पवार महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक में डायरेक्टर के पद पर थे.

जांच में ये भी पता चला कि M/s Jarandeshwar Sahkari Sugar Karkhana को खरीदने के लिए M/s Guru Comodity Service Pvt Ltd को जो पैसा मिला था वो M/s Jarandeshwar Sugar Mills Pvt Ltd से आया था, जिसे शुगर मिल खरीदने के तुरंत बाद लीज पर दिया गया, लेकिन M/s Jarandeshwar Sugar Mills Pvt Ltd को भी ये पैसा अजीत पवार की कंपनी M/s Sparkling Soil Pvt Ltd से आया था, यानी एक तरह से अजित पवार से जुड़ी कंपनी ने ही शुगर मिल को खरीद लिया था.
ED के मुताबिक M/s Guru Comodity Service Pvt Ltd एक डमी कंपनी थी जिसका इस्तेमाल सिर्फ को खरीदने के लिए किया गया था. इसके अलावा इस सहकारी शुगर कारखाने का इस्तेमाल पुणे डिस्ट्रिकट सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक से 700 करोड़ रुपये का लोन लेने के लिए किया गया जो कि अभी भी है.