कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत को जल्द ही एक और हथियार मिलने वाला है। कोविड वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने कहा है कि जायडस कैडिला वैक्सीन का ट्रायल लगभग पूरा हो चुका है। जुलाई के अंत तक या अगस्त में, हम 12-18 आयु वर्ग के बच्चों को यह टीका देना शुरू कर सकते हैं।
एनके सिंह ने कहा कि ICMR एक स्टडी लेकर आया है जिसमें कहा गया है कि तीसरी लहर देर से आने की संभावना है। हमारे पास देश में हर किसी का टीकाकरण करने के लिए 6-8 महीने की विंडो अवधि है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में, हमारा लक्ष्य हर दिन 1 करोड़ खुराक देने का है।
एनके अरोणा ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि लोग सक्रिय रूप से आगे आएं और टीके लें, यह नितांत आवश्यक है। कई अफवाहें हैं, गलत सूचना जो देश में फैल रही है। इसी तरह लोगों के मन में कुछ अस्पष्ट भय रहता है। उन्हें लगता है कि कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं या टीका असुरक्षित हो सकता है।
डॉ एन के अरोड़ा ने कहा कि कोरोना वायरस के अन्य स्वरूपों की तुलना में ‘डेल्टा प्लस स्वरूप का फेफड़ों के उत्तकों से ज्यादा जुड़ाव मिला है लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि इससे गंभीर बीमारी होगी या यह ज्यादा संक्रामक है। कोरोना वायरस के नए स्वरूप डेल्टा प्लस की 11 जून को पहचान हुई। हाल में इसे ‘चिंताजनक स्वरूप के तौर पर वर्गीकरण किया गया। देश के 12 राज्यों में डेल्टा प्लस के अब तक 51 मामले आ चुके हैं। इस स्वरूप से संक्रमण के सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र से आए हैं।