नई दिल्ली : वैश्विक बाजार में डीएपी उर्वरक की कीमतों में बढ़ोत्तरी की मार से किसानों को बचाने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला किया है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुए कैबिनेट की बैठक में डीएपी की प्रति बोरी पर सब्सिडी में 700 रुपये की बढ़ोत्तरी को मंजूरी दी है। सब्सिडी के मद में सरकार 14775 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
गौरतलब है कि इससे पहले पीएम की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में पिछले महीने ही डीएपी पर सब्सिडी 140 फीसदी बढ़ाने का फैसला किया था। इस फैसले की जानकारी देते हुए रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि देश में उर्वरक के रूप में किसान डीएपी पर सर्वाधिक खर्च करते हैं।
सरकार का उद्येश्य है कि किसानों पर उर्वरक मामले में अतिरिक्त बोझ न बढ़े। इस फैसले के बाद वैश्विक बाजार में डीएपी की कीमतों में भारी बढ़ोत्तरी के बावजूद किसानों को यह पुराने दर पर ही उपलब्ध होगी। मंडाविया ने कहा कि डीएपी की 50 किलो की बोरी पहले भी किसानोंं को 1200 रुपये मेंं मिलती थी।
अब भविष्य में भी किसानों को डीएपी के लिए इतना ही भुगतान करना होगा। इसके लिए सरकार ने डीएपी की एक बोरी पर सब्सिडी को 500 रुपये से बढ़ा कर 1200 रुपये कर दिया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजार में डीएपी की कीमत प्रति बोरी 2400 रुपये हो गई है।
उन्होंने कहा कि किसानों की कृषि लागत घटाने और उनके सामने अपनी उपज को बेचने के अतिरिक्त विकल्प मुहैया कराने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इस समय सरकार यूरिया पर 900 रुपये प्रति बोरी की दर से सब्सिडी दे रही है। इसके अलावा हाल ही मेंं खरीफ फसलोंं के न्यूनतम समर्थन मूल्य में ऐतिहासिक बढ़ोत्तरी की है।