रायपुर। राज्य में ब्लैक फंगस की जकड़ में लोग आते जा रहे है। अब तक प्रदेश में ब्लैक फंगस से 33 मरीजों की मौत हो चुकी है वहीं 286 ब्लैक फंगस के नये मरीज मिलने से संबंधित अस्पतालों में उनका इलाज जारी है। मिली जानकारी के अनुसार सेक्टर 9 हास्पिटल से एक मरीज के लापता होने की जानकारी मिली है।
अस्पताल प्रशासन के स्टाफ की लापरवाही से लापता मरीज की खोजबीन प्रशासन के सहयोग से जारी है। ज्ञातव्य है कि अब तक सिर्फ ब्लैक फंगस से ही 19 मरीजों की मौत हो चुकी है जबकि अन्य मरीजों की मौत में उनके शरीर में व्याप्त व्याधियां भी शामिल है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अब तक 23 मरीजों को अस्पतालों से डिस्चार्ज किया गया है। जिन मरीजों का अस्पताल में इलाज जारी है उनमें 146 मरीज एम्स हास्पिटल में 24 मरीज डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल में 24 एवं सेक्टर 9 अस्पताल में 24 मरीजों का इलाज जारी है।
ब्लैक फंगस के फैलाव को देखते हुए तेजी से बढ़ रहे संक्रमण के कारण केंद्र सरकार ने इसे महामारी घोषित किया है। स्वास्थ्य अधिकारियों की राय में दवाओं की समस्या को देखते हुए प्रत्येक मरीज को जरूरत के अनुसार दवा मुहैया कराने के लिए 3 तरह की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग ने बनाई है। पहली व्यवस्था के तहत प्रशासन स्वयं दवाओं का वितरण कर रहा है।
द्वितीय प्रणाली में लोकल परचेसिंग के माध्यम से संबंधित अस्पताल दवाएं खरीद रहे है और तीसरी ब्लैक फंगस की महामारी से निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा राज्यों की मांग के अनुसार दवाएं उपलब्ध करायी जा रही है एक साथ कई राज्यों से दवाओं की आपूर्ति की मांग होने के कारण आपूर्ति में समस्या आ रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारी शीघ्र ही मांग के अनुसार ब्लैक फंगस की दवाएं राज्य सरकारों को मुहैया कराने के लिए सक्रिय प्रयास कर रही है।