नई दिल्ली। हर घर में नल से शुद्ध पेय जल पहुँचाने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना को मूर्त रूप देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को ‘जल जीवन मिशन’ के अंतर्गत 2021-22 के लिए अनुदान की राशि बढ़ा कर 1,908.96 करोड़ रुपये कर दी है। पिछले वर्ष केन्द्रीय अनुदान की यह राशि 445.52 करोड़ रुपये थी। राष्ट्रीय जल जीवन मिशन, जल शक्ति मंत्रालय, ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 453.71 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी भी कर दी है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, गजेन्द्र सिंह शेखावत ने राज्य के आवंटन में चार गुना वृद्धि को मंजूरी प्रदान करते हुए छत्तीसगढ़ को भरोसा दिया है कि राज्य में प्रत्येक ग्रामीण घर में 2023 तक नल से शुद्ध पेय जल पहुंचाने के लिए उसे हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।
2019 में ‘जल जीवन मिशन’ के शुभारंभ के समय देश में कुल मौजूद 19.20 करोड़ ग्रामीण घरों में से केवल 3.23 करोड़ घरों, यानि मात्र 17त्न के यहाँ घरेलू नल कनेक्शन था। और, उसके बाद के 21 महीनों के दौरान – कोविड-19 महामारी की विभीषिका और उसके कारण लगे अनेक लॉकडाउन के बावजूद – ‘जल जीवन मिशन’ ने पूरी निष्ठा, समर्पण और कार्यकुशलता से काम करते हुए सवा चार करोड़ नए घरों तक नल से शुद्ध जल पहुंचाया है।
यानि इन 21 महीनों में 22त्न प्रगति हासिल की गयी जिसके फलस्वरूप आज देश के ग्रामीण इलाकों के 7.50 करोड़ घरों में (अर्थात 39त्न) पीने के साफ पानी की सप्लाई नल से होने लग गयी है। गोवा, तेलंगाना, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह और पुदुचेरी ने अपने यहाँ के सभी ग्रामीण घरों में नल कनेक्शन पहुंचा कर 100त्न कामयाबी हासिल कर ली है और वे ‘हर घर जल’ प्रदेश बन गए हैं। प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ सिद्धान्त में अंतर्निहित मूल भावना के ही अनुरूप ‘जल जीवन मिशन’ का भी संकल्प है कि ‘कोई भी छूटे ना’ और हर गाँव के हर घर में नल से जल उपलब्ध कराया जाए। आज देश के 62 जिलों और 92 हज़ार से ज़्यादा गावों में हर घर में नल से पेय जल मिल रहा है।
छत्?तीसगढ़ में 19,684 गावों में रह रहे कुल 45.48 लाख परिवारों में से केवल 5.69 लाख ग्रामीण परिवारों (12.51त्न) को ही नल से जल की आपूर्ति हो पा रही है। 15 अगस्त 2019 को ‘जल जीवन मिशन’ के शुभारंभ के समय राज्य में 3.19 लाख ग्रामीण घरों (7.03त्न) में ही नल जल कनेक्शन था। और, इन 21 महीनों के दौरान भी छत्तीसगढ़ में केवल 2.49 लाख (5.49त्न) ग्रामीण घरों तक ही नए नल जल कनेक्शन पहुंचाए जा सके- जो धीमी गति के मामले में पूरे देश में दूसरे नंबर पर है।
राज्य को ‘हर घर जल’ बनने के लिए अभी शेष 39.78 ग्रामीण घरों में नल जल कनेक्शन पहुंचाना बाकी है। छत्तीसगढ़ के 5,530 गावों में नल जल कनेक्शन देने के लिए तो अब तक जल आपूर्ति संबंधी कार्य भी शुरू नहीं हुए हैं। ‘हर घर जल’ बनने के लिए राज्य ने 2021-22 के दौरान 22.14 लाख घरों में नल जल कनेक्शन देने की योजना बनाई है, जबकि 2022-23 में 11.37 लाख घरों को तथा 2023-24 में शेष बचे 6.29 लाख घरों तक नल कनेक्शन से पीने का पानी पहुंचाया जाएगा।
पिछले वित्त वर्ष के दौरान छत्तीसगढ़ ‘जल जीवन मिशन’ के तहत केवल 1.51 लाख नल जल कनेक्शन ही उपलब्ध करा पाया था। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, गजेन्द्र सिंह शेखावत ने इस सिलसिले में राज्य के मुख्य मंत्री को पत्र कर छत्तीसगढ़ से आग्रह किया है कि ग्रामीण घरों में नल जल कनेक्शन देने के काम में तेज़ी लायी जाए तथा इस दिशा में हर गाँव में कार्य शुरू कर दिया जाए ताकि राज्य 2023 तक ‘हर घर जल’ बन जाए।
2020-21 के दौरान छत्तीसगढ़ को ‘जल जीवन मिशन’ के तहत केन्द्रीय अनुदान के रूप में 445.52 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे, लेकिन कार्यान्वयन की धीमी रफ्तार के कारण राज्य केवल 334.14 करोड़ रुपये ही आहरित कर पाया, जिस कारण उसे गाँव-देहात की जल आपूर्ति जैसे जनसेवी कार्य के लिए दिए गए 111.48 करोड़ रुपये लौटाने पड़े। छत्तीसगढ़ के लिए केंद्रीय आवंटन (1,908.96 करोड़ रुपये) में इस वित्त वर्ष में हुई इस चार गुना वृद्धि, पिछले वित्त वर्ष के अंत में खर्च न हो पाए 168.52 करोड़ रुपये की राशि और राज्य के समतुल्य अंश के रूप में दी गई राशि में 113.04 करोड़ रुपये की कमी वाली राशि के साथ मौजूदा वित्त वर्…