भारत और श्रीलंका के बीच इस साल जुलाई में वनडे और टी20 मैचों की सीरीज प्रस्तावित है. हालांकि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच ये सीरीज हो पाएगी या नहीं इसे लेकर सवाल बना हुआ है, लेकिन इस बीच सीरीज से पहले ही क्रिकेटरों का बोर्ड के साथ तनाव बढ़ता नजर आ रहा है.
दरअसल, श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के खिलाडि़यों ने अपने देश के बोर्ड को समय से पहले ही संन्यास लेने की धमकी दी है. धमकी की वजह बोर्ड का नया अंक आधारित ग्रेडिंग सिस्टम है जिसके जरिये क्रिकेटरों की सालाना कमाई का आकलन किया जाना तय किया गया है.
श्रीलंकाई क्रिकेटरों की मांग है कि इस सिस्टम को अधिक पारदर्शी बनाया जाए और उन्हें ये बताया जाए कि ग्रेड के आधार पर किस तरह उन्हें अंक दिए जाएंगे. वो इसलिए क्योंकि इससे उनकी कमाई पर सीधा और गहरा असर पड़ेगा. नए सिस्टम के तहत खिलाडि़यों को चार अलग-अलग ग्रुप में बांटा गया है.
इसमें पिछले दो साल में उनकी फिटनेस के स्तर, अनुशासन, लीडरशिप की काबिलियत, टीम के प्रति उनके कुल योगदान व अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट में उनके प्रदर्शन के आधार पर अंक दिए जाएंगे. बस इसी को लेकर खिलाड़ी चाहते हैं कि बोर्ड इस बात का खुलासा करे कि ये नंबर किस तरह आवंटित किए जाएंगे ताकि वो इस पूरी प्रक्रिया को और बारीकी से समझते हुए उन क्षेत्रों में सुधार कर सकें जहां उनकी कमियां हैं. हालांकि जिन खिलाडि़यों ने संन्यास की धमकी दी है, उनके नाम अभी उजागर नहीं किए गए हैं.
खिलाडि़यों की मांग, अंक आवंटित किए जाने की प्रक्रिया पारदर्शी हो
संडे टाइम्स की रिपोर्ट में श्रीलंका क्रिकेट कांट्रेक्ट निगोशिएंस में खिलाडि़यों के प्रतिनिधि निशान के हवाले से कहा गया है, हर खिलाड़ी का व्यक्तिगत रूप से मानना है कि उन्हें अंक आवंटित करने की प्रक्रिया का हिस्सेदार बनाया जाना चाहिए. पारदर्शिता से एकजुटता और सौहार्द्र भी आता है.
इस मामले में सभी खिलाड़ी एकजुट हैं. वहीं श्रीलंका क्रिकेट मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य एश्ले डीसिल्वा ने बताया है कि खिलाडि़यों की मांग के अनुसार कांट्रेक्ट में संशोधन कर दिया गया है. अब हम कांट्रैक्ट को अंतिम रूप देने के बाद वरिष्ठ खिलाडि़यों के साथ साझा करने की प्रक्रिया में हैं. अभी तक किसी खिलाड़ी ने ऐसा नहीं कहा है कि वो इस कांट्रेक्ट पर साइन नहीं करेगा.