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रेलवे ने कोचेस में स्टाफ-ऑक्सीजन व अन्य सुविधा देने में जताई असमर्थता

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बिलासपुर। बिलासपुर हाई कोर्ट में आज कोरोना प्रबंधन से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। कल की सुनवाई में चीफ जस्टिस पी आर मेनन और जस्टिस पीपी साहू की खंडपीठ ने रेल कोचेस को कोविड केयर सेंटर बनाने सम्बन्धी संभावना को परीक्षण के निर्देश दिए थे। इस पर आज महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने हाई कोर्ट को बताया कि कल रायपुर में रेल अधिकारियों के साथ राज्य सरकार के अधिकारियों की बैठक हुई है ,जिसमे रेलवे ने कोचेस में स्टाफ, ऑक्सीजन व अन्य सुविधाओं देने असमर्थता जताई है।

इस पर हस्तक्षेप याचिका कर्ता के तरफ से अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव व संदीप दुबे ने बताया कि रेलवे SECR जोन में ही 23 छोटे बड़े अस्पताल संचालित है, जिसमे 15 छत्तीसगढ़ में है। अतः उनके पास डॉक्टर ,स्टाफ, नर्सेस, ऑक्सीजन सिलिंडर आदि व्यवस्था है। यदि वे अपने कोचेस को कोविड सेन्टर में नही बदल सकते तब भी वे अपने सभी अस्पतालों को कोविड मरीज के लिए बना सकते है। इस संबंध में अस्पतालों की सूची भी हमने फाइल की है।

इसके अनुसार बिलासपुर, रायपुर, भिलाई ,रायगढ़, चम्पा, कोरबा, महासमुंद, किरंदुल, जगदलपुर, मनेंद्रगढ़, डोंगरगढ़ आदि कुल 15 अस्पताल है। हालांकि रेलवे के अधिवक्ता ने इसका खंडन किया और कहा कि छत्तीसगढ़ में रेलवे के सिर्फ 3 अस्पताल है जो कि बिलासपुर, रायपुर और भिलाई में है व तीनो अस्पताल कोविड अस्पताल के रूप में कार्य कर रहे है और अपने क्षमता से अधिक कोविड मरीजों का इलाज कर रहे है।

राज्य सरकार के अनुसार राज्य ने 7500 ऑक्सीजन बेड है, जिनमे 2 हजार से अधिक खाली है, इसी तरह से एचडीयू, आईसीयू खाली है, वेंटिलेटर भी 242 खाली है। इस पर उच्च न्यायालय ने सवाल उठाया कि ये राज्य के आंकड़े है, तो फिर दुर्ग, बिलासपुर और रायपुर के हालात ऐसी क्यो। इस पर महाधिवक्ता के अनुसार बिलासपुर में 366 ऑक्सीजन बेड में से 18 खाली है, एचडीयू व आईसीयू 116 ने 24 खाली है। वही दुर्ग में ऑक्सीजन बीएड के 1329 बेड में केवल 45 खाली है, आईसीयू और अन्य ने बेड खाली नही है।

रायपुर में स्थिति बेहतर है और यहां ऑक्सीजन के 700 एचडीयू के 63 आईसीयू के 28 और 112 वेंटिलेटर आज खाली है। हाई कोर्ट ने इन खाली बेड्स को दूसरे जिले के जरूरत मन्द को देने का सिस्टम बनाने पर जोर दिया। अधिवक्ताओ ने वेब पोर्टल पर जानकारी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया, जिससे लोगो को बेड उपलब्धता के बारे में पता चल सके।

ऑक्सीजन युक्त एम्बुलेंस से मरीजो को ट्रांसफर किये जाने पर बल दिया। हाई कोर्ट ने सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रखा है ,और सोमवार को आदेश जारी किया जाएगा। न्यायमित्र प्रफुल्ल भारत ने न्यायालय को बताया कि सिम्स में किस तरह से विधायक के और डीन के नाम से वेंटिलेटर सुरक्षित रखा गया है। इस आरोप का महाधिवक्ता ने खंडन किया।