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कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए परीक्षाओं को रद्द किए जाने की उठने लगी मांग…

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देशभर में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षा अगले माह चार मई से शुरू होने वाली हैं। ऐसे में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए इन परीक्षाओं के रद्द किए जाने की मांग उठने लगी है। ट्विटर पर हैशटैग कैसिंल बोर्ड एग्जाम 2021 से एक अभियान छेड़ा गया है। इस हैशटैग से जैसी शिक्षा वैसी परीक्षा वाला पोस्टर भी वायरल हो रहा है। इसके माध्यम से 10 अप्रैल को इंडिया गेट के पास एकत्र होने की अपील गी गई है। जिससे कि भारत सरकार तक बोर्ड परीक्षा रद्द करने को लेकर बात पहुंचाई जा सके।

देशभर में कोरोना के मामले दिन प्रतिदिन दिन बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में भारत सरकार से बोर्ड परीक्षा को रद्द करने या स्थगित करने का अनुरोध किया जा रहा है।

एक ट्वीट है कि मैक्सिको में 1300 मामले परीक्षा रद्द की गई, सऊदी अरब में 541 मामले परीक्षा रद्द, कुवैत में 1400 मामले परीक्षा रद्द। जबकि भारत में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या लाखों में है और परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं। एक ट्वीट है कि इस साल बोर्ड एग्जाम रद्द हों, हम छात्र आपसे अनुरोध कर रहे हैं। आप 10वीं और 12वीं के बारे में कोई निर्णय क्यों नहीं ले रहे हैं, परीक्षाओं को स्वास्थ्य से अधिक महत्व दे रहे हैं। हम में से काफी छात्र ऑफलाइन एग्जाम देने के लिए तैयार नहीं हैं।

एक अन्य ट्वीट के माध्यम से कहा जा रहा है कि परीक्षाओं को ऑनलाइन आयोजित किया जाए, क्योंकि भारत एक दूसरी लहर देख रहा है। ऐसे में भीड़ का कारण बनने वाली किसी भी चीज से बचना चाहिए। अगर अभी ऑफलाइन परीक्षा होती है तो हम बहुत बड़ा जोखिम उठा रहे हैं।

एक ट्वीट है कि हम बच्चों ने साल भर ऑनलाइन पढ़ाई की है, इसलिए हम परीक्षा भी ऑनलाइन देंगे। अगर हम कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाते हैं तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। सेंटर में तीन घंटे मास्क लगाकर परीक्षा देनी होगी तो वह इस गर्म मौसम में कितना व्यवहारिक है।

बोर्ड पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि परीक्षाएं चार मई से ही आयोजित होंगी। बीते सप्ताह सीबीएसई पहले ही कह चुका है कि छात्रों को पिछले साल के इस पुराने सर्कुलर को नजरअंदाज करना चाहिए और गुमराह नहीं होना चाहिए। वहीं दिल्ली पैरेंट्स एसोसिएशन अध्यक्ष अपराजिता गौतम कहती हैं कि बोर्ड को दसवीं के लिए आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर प्रमोट करने के लिए विचार करना चाहिए। जबकि बारहवीं की परीक्षाएं रद्द या स्थगित नहीं की जाएं। इसके लिए सेंटर की संख्या बढ़ाकर परीक्षाओं का आयोजन हो। जहां कोविड-19 के सभी नियमों का पालन हो।