रायपुर। छत्तीसगढ़ जैव प्रौद्योगिकी प्रौन्नत सोसायटी की संचालक समिति की बैठक गुरूवार को आहूत की गई। इस बैठक में कृषि विभाग, कृषि विश्वविद्यालय, हार्टी कल्चर एवं बायोटेक सोसायटी के अधिकारियों से कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने चर्चा की।
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चौबे ने इस दौरान अफसरों को निर्देश दिए कि बीआईसी सेंटर के लिए सभी आपसी समन्वय से कार्य करें, जिससे यह सेंटर पूरे देश में अपने काम से जाना जाएं। सेंटर का नया भवन को सुभाष चंद्र बोस बायोटेक इंक्यूबेशन सेंटर के नाम से जाना जाएगा। भवन का निर्माण इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा करीब 13 करोड़ 50 लाख की लागत से किया जाएगा।
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ के बायोटेक इंक्यूबेशन सेंटर की राज्य में जैव प्रौद्योगिकी को और बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि बीआईसी से जैव प्रौद्योगिकी हेतु समेकित योजना तथा कार्यक्रमों का विस्तार होगा और इससे संबंधित उद्योगों का विकास हो सकेगा।
छत्तीसगढ़ जैव प्रौद्योगिकी प्रौन्नत सोसायटी की संचालक समिति की बैठक में जैव प्रौद्योगिकी पार्क परियोजना के अंतर्गत संचालित बायोटेक इंक्यूबेशन सेंटर के निर्माण एवं अन्य संचालित कार्याें की जानकारी कृषि विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने दी।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य में जैव प्रौद्योगिकी एवं नवाचार को प्रोत्साहन देने हेतु भारत सरकार और राज्य सरकार की सहभागिता से जैव प्रौद्योगिकी पार्क परियोजना के प्रथम चरण में बायोटेक इंक्यूबेशन की स्थापना की गई है। अधिकारियों ने बताया कि यह सेंटर मध्य भारत का पहला सेंटर है।
बायोटेक इंक्यूबेशन सेंटर
बायोटेक इंक्यूबेशन सेंटर की लागत 30 करोड़ रूपए है, तथा सेंटर के बनने वाले भवन की लागत 13 करोड़ 50 हजार रूपए होगी। भवन का निर्माण इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय परिसर में दो एकड़ क्षेत्र में किया जाएगा। इसका शिलान्यास मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 23 जनवरी 2021 को किया था।
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नए भवन के निर्माण होने तक सेंटर के संचालन की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। सेंटर द्वारा एग्री बायोटेक, हेल्थ केयर बायोटेक, फूड प्रोसेसिंग और कृषि आधारित वैल्यू ऐडेड प्रोडक्ट्स के कार्य किए जाएंगे।