रायपुर। भाजपा जिलाध्यक्ष श्रीचंद सुन्दरानी ने सोमवार को राजधानी के एक कांग्रेस पार्षद कामरान अंसारी द्वारा आदिवासी युवक व उसकी माँ के साथ की गई बेरहम मारपीट व बदसलूकी की घटना पर प्रदेश सरकार पर फिर निशाना साधा और कहा है कि आरोपी पार्षद के खिलाफ केवल एफआईआर दर्ज करके प्रदेश सरकार अपने दायित्व की इतिश्री न माने, बल्कि आरोपी पार्षद की तत्काल गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए। सुन्दरानी ने पूछा कि एफआईआर दर्ज करने के बाद आरोपी पार्षद और अन्य आरोपियों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है? क्या सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के जनप्रतिनिधियों को किसी के भी साथ बेरहम मारपीट और अपराध करने की छूट है?
सुन्दरानी ने कहा
प्रदेश सरकार के राजनीतिक संरक्षण में सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेता, जनप्रतिनिधि और उनके परिजन हिंसक अराजकता का उत्सव मना रहे हैं और कानून का उन्हें कोई खौफ नहीं रह गया है। सोमवार को अपनी माँ के साथ अपने वार्ड पार्षद के पास पहुँचे एक आदिवासी युवक व उसकी मां को सत्ता के नशे में चूर पार्षद अंसारी और उनके लोगों ने बेरहमी से सरेआम पीटकर संवेदनहीनता का जो शर्मनाक प्रदर्शन किया है, भाजपा उसकी भर्त्सना करती है और पीड़ित आदिवासी युवक व उसकी माँ को इंसाफ दिलाने की अपनी प्रतिबद्धता दुहराती है। सुन्दरानी ने जानना चाहा कि क्या आरोपी पार्षद अंसारी की महापौर एजाज ढेबर और महापौर की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से नजदीकी होने की वजह से आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की जा रही है? सत्ता के नशे में चूर कांग्रेस के नेताओं और जनप्रतिनिधियों के आपराधिक आचरण की कई शर्मनाक वारदातें प्रदेश इन दो वर्षों के कांग्रेस शासनकाल में देख चुका है।
भाजपा जिलाध्यक्ष सुन्दरानी ने कहा कि प्रदेश इस बात का साक्षी है कि अमूमन सभी अपराधों में कांग्रेस नेताओं, जनप्रतिनिधियों और उनके परिजनों की संलिप्तता उजागर होने के बावजूद उन पर न तो कोई कानूनन और न ही संगठन के स्तर पर कार्रवाई की गई, उल्टे आरोपियों को पुलिस की मौजूदगी में सत्ता की धौंस दिखाकर कांग्रेस के नेता अपने साथ लेकर जाने जैसा शर्मनाक उदाहरण पेश कर चुके हैं। सुन्दरानी ने करारा कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता गांधीगिरी सीखने वर्धा जाने की नौटंकी करके अपना वक्त जाया ही कर रहे हैं क्योंकि एक तरफ गांधी की दुहाई देते मुख्यमंत्री बघेल वर्धा गए हैं तो दूसरी तरफ उनकी ही पार्टी का एक जनप्रतिनिधि हिंसा करके अराजकता फैलाने में लगा है! इससे यह साफ हो चला है कि आपातकाल की दुर्दांत मानसिकता में साँसे ले रही कांग्रेस के आपराधिक प्रवृत्ति के लोग गांधीवाद की वारिस तो कतई नहीं हो सकती।