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एक जुलाई से लागू नहीं होगी रेलवे की नई समय सारिणी, अब नए साल से होगा बदलाव

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रायपुर। एक जुलाई से भारतीय रेलवे की नई समय सारिणी लागू करने के निर्णय को स्थगित कर दिया गया है। वर्तमान समय सारिणी को ही 31 दिसंबर तक विस्तार दे दिया गया है। अब नई समय सारिणी एक जनवरी से लागू होगी। ट्रेनें पुराने समय नंबर, मार्ग और ठहराव पर यथावत चलती रहेंगी। रेलवे बोर्ड ने इस आशय का दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। मंडल व जोन ने रेलवे बोर्ड को ट्रेनों के समय को लेकर प्रपोजल बनाकर दे दिया है। रेल मंत्रालय, बोर्ड और जोनल स्तर पर ट्रेनों के समय और ठहराव आदि की समीक्षा कर रहा है। समीक्षा के लिए रेलवे बोर्ड ने जुलाई और दिसंबर से लागू होने वाली नई समय सारिणी को स्थगित कर दिया है।

जानकारी मुताबिक, समीक्षा पूरी नहीं हुई तो समय सारिणी लागू होने का समय और आगे भी बढ़ सकता है। देशभर में कवच सिस्टम स्थापित करने के साथ गति बढ़ाने के लिए ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नल का कार्य तेजी से चल रहा है, जिस वजह से ट्रेन लगातार लेट हो सकती है। जानकारी के मुताबिक रेलवे प्रशासन ने नई ट्रेनों को समय सारिणी में शामिल करने व समय में सुधार की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पिछले वर्ष एक अक्टूबर को लागू हुई थी।

5 से 10 मिनट तक होगा बदलाव

रेलवे बोर्ड के निदेशक कोचिंग संजय आर नीलम ने सभी जोनल रेलवे को पत्र जारी कर कहा है कि वर्तमान समय सारिणी 31 दिसंबर तक प्रभावी रहेगी। एक जनवरी 25 से नई समय सारिणी लागू की जाएगी। रेलवे कनेक्टिंग ट्रेनों के यात्रियों के लिए दूसरे जोन की ट्रेनों को 5 से 10 मिनट तक जल्दी स्टेशन पहुंचने की मांग की गई है, ताकि एक ट्रेन के बाद दूसरी ट्रेन पकड़ने के लिए यात्रियों के पास पर्याप्त समय रहे। इस तरह वबर उत्तर रेलवे की मांग पर जोन की लंबी दूरी वाली ट्रेनों के समय में बदलाव देखने को मिल सकता है, जिसमें छत्तीसगढ़, सारनाथ और साउथ बिहार समेत सिकंदराबाद का रायपुर पहुंचने का समय पहले से जल्दी हो सकता है।

वंदे भारत के समय में आंशिक बदलाव की संभावना

रेलवे की समय सारिणी में जोन की पहली वंदे भारत ट्रेन के समय में बदलाव हो सकता है। बिलासपुर से नागपुर के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस के समय में आंशिक बदलाव होने की बात कही जा रही है। जोन के कई रूट में दोहरीकरण और विद्युतीकरण हो जाने के बाद पिछले वर्ष दपूमरे ने कुछ महत्वपूर्ण ट्रेनों के समय में बदलाव की योजना तैयार की थी, लेकिन उत्तर रेलवे और पूर्व मध्य रेलवे की सहमति नहीं मिल पाने से ट्रेनों के टाइम टेबल में बड़ा बदलाव नहीं हो पाया है। इस बार उम्मीद है कि मंडल स्तर पर भेजे गए प्रस्ताव पर बोर्ड ट्रेनों के समय में बदलाव कर सकता है।