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भैयाजी स्पेशल स्टोरी : नरेंद्र दामोदर दास से पीएम मोदी तक का सफर #ModiAt70

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दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 70 वें जन्मदिन पर भारतीय जनता पार्टी के समर्थक ,कार्यकर्ता और युवा मोर्चा के सदस्य अलग अलग तरह से उनका जन्मदिन सेलिब्रेट कर रहे हैं। कहीं वृक्षारोपण तो कही ब्लड डोनेशन कैम्प के साथ सभी राज्यों में अलग अलग कार्यक्रम रखे गए हैं।भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविद से लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प ने भी मोदी को 70 वे जन्मदिन की शुभकामनाएं भेजी है।

विश्व के चहेते प्रधानमंत्री में शुमार नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री बनने का सफर आसान नहीं था। एक साधारण से परिवार में जन्मे नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने कभी सोचा भी नहीं था कि दुनियां में उनके चाहने वालो की संख्या इतनी अधिक होगी। सोशल मीडिया में अपनी बादशाहत बनाये नरेंद्र मोदी को ट्विटर में फॉलो करने वाले छह करोड़ से अधिक है। इसके साथ ही उनके इंस्टाग्राम पर 4.5 करोड़ से ज्यादा फॉलोअर्स है। अगर दुनियां भर के राजनेताओं की बात करें तो नरेंद्र मोदी बराक ओबामा और डोनाल्‍ड ट्रंप के बाद तीसरे नंबर पर सबसे अधिक फैन फालोवर्स में शामिल हैं।

17 सितंबर 1950 में वडनगर गुजरात में बेहद साधारण परिवार में जन्‍मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनीति शास्त्र में एमए किया है। बचपन से ही उनका संघ की तरफ खासा झुकाव था और गुजरात में आरएसएस का मजबूत आधार भी था जिसके चलते 17 साल की उम्र में में ही उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सदस्यता ले ली थी।इसके बाद 1974 में वे नव निर्माण आंदोलन में शामिल हुए. इस तरह सक्रिय राजनीति में आने से पहले मोदी कई वर्षों तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे। कई उतार चढ़ाव और आरोपों के साथ वो लगातार आगे बढ़ते रहे।

धीरे धीरे सफर आगे बढ़ता गया जिसके बाद नरेंद्र मोदी 1995 में भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय सचिव और पांच राज्यों का पार्टी प्रभारी बनाये गए। इसके बाद 1998 में उन्हें महासचिव (संगठन) बनाया गया. इस पद पर वो अक्‍टूबर 2001 तक रहे. लेकिन 2001 में केशुभाई पटेल को मुख्यमंत्री पद से हटाने के बाद मोदी को गुजरात की कमान सौंपी गई.मोदी के सत्ता संभालने के लगभग पांच महीने बाद ही गोधरा रेल हादसा हुआ जिसमें कई हिंदू कारसेवक मारे गए. इसके ठीक बाद फरवरी 2002 में ही गुजरात में मुसलमानों के खिलाफ़ दंगे भड़क उठे. इन दंगों में लगभग 2000 लोग मारे गए. इनमें ज्यादातर मुसलमान थे. जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात का दौर किया तो उन्होंनें उन्हें ‘राजधर्म निभाने’ की सलाह दी जिसे वाजपेयी की नाराजगी के संकेत के रूप में देखा गया।

बावजूद मोदी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और और 2014 से वे देश के प्रधानमंत्री पद पर आसीन है। भैयाजी न्यूज़ परिवार की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 70 वें जन्मदिन को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं।