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मौसमी इन्फ्लूएंजा एच 3 एन 2 वायरस से बचाव है जरूरी, बरतें सावधानी…

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बलौदाबाजार। इस समय मौसमी इन्फ्लूएंजा एच 3 एन 2 मौसम में बदलाव के साथ दिखाई पड़ रहा है। चूंकि ये वायरल बीमारी है, इसलिए किसी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ये आसानी से फैल सकता है। इन्फ्लूएंजा से संक्रमित कोई व्यक्ति जब खांसता या छींकता है, तो उसके ड्रॉपलेट हवा में एक मीटर तक फैल सकते हैं और जब कोई दूसरा व्यक्ति सांस लेता है, तो ये ड्रॉपलेट उसके शरीर में चले जाते हैं और उसे संक्रमित कर देते हैं। भारत सरकार द्वारा इस बारे में एडवायजरी ज़ारी की गई है।

इस बारे में जानकारी देते हुए डॉ एम पी महिस्वर ने बताया की सीज़नल इन्फ्लूएंजा एक तीव्र श्वसन संक्रमण है जो इन्फ्लूएंजा वायरस से होता है। छोटे बच्चे और वृद्ध जिन्हें अन्य कोई रोग हो उन्हें सावधान रहने की आवश्यकता है।

एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के डॉ अभिजीत बनर्जी के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आईडीएसपी के माध्यम से सभी ओपीडी और आईपीडी में आने वाले इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई ) और गंभीर श्वसन संक्रमण के प्रकरण के रियल टाइम सर्वलेन्स के निर्देश दिए हैं।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के अनुसार एच 3 एन 2 इन्फ्लूएंजा के कारण अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों की संख्या दूसरे सब टाइप फ्लू की तुलना में अधिक होती है। 10 प्रतिशत लोगों को गंभीर श्वसन संक्रमण हो सकता है एवं 7 प्रतिशत लोगों को आईसीयू में रखने की जरूरत पड़ सकती है।

एपिडेमियोलॉजिस्ट श्वेता शर्मा के अनुसार बचाव हेतु मास्क पहनें और भीड़ वाली जगहों से फिलहाल बचें। खांसते और छींकते समय नाक और मुंह को ढकें,आंखों और नाक को बार बार न छुएं,बुखार और बदन दर्द हो तो पैरासिटामोल लें, एक दूसरे से हाथ ना मिलाएं सावर्जनिक जगहों पर ना थूकें एंटीबायोटिक ना लें जब तक डॉक्टर ऐसा करने को ना कहें ग्रुप में एक साथ बैठकर खाना खाने से बचें।