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महेश गागड़ा ने वनमंत्री अकबर को लिखा पत्र, घोषणा पत्र के गजराज योजना पर किए सवाल…

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रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व वनमंत्री और भाजपा नेता महेश गागड़ा ने वनमंत्री मोहम्मद अकबर को पत्र लिखा है। गागड़ा ने अपने पत्र में कांग्रेस के जनघोषणा पत्र के “गजराज योजना” का जिक्र करते हुए सवाल किए है। गागड़ा ने अपने पत्र में लिखा है कि “बाघों पर छत्तीसगढ़ में पिछले तीन वर्षों में खर्च राशि को लेकर उठाए गए मेरे प्रश्न पर आपने छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल की चर्चा कर प्रतिप्रश्न किया है। सवाल का जवाब सवाल नहीं हो सकता और विशेषकर तब जबकि आपकी प्रदेश सरकार में मंत्री के तौर पर जवाबदेही है। आप सत्ता में हैं, इसलिए सवाल करने के बजाय आपको उत्तर देना चाहिए। पिछले लगभग साढ़े 4 सालों से प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता है और बात-बात पर जाँच कमेटियां गठित करना तो प्रदेश की कांग्रेस सरकार की कार्यशैली रही है, तो बजाय सवाल करने के आप हमारे कार्यकाल की जांच करा लें, आपको सटीक जवाब मिल जाएगा।”

गागड़ा ने आगे लिखा कि “अब मैं आपका ध्यान गजराज योजना की ओर आकृष्ट करना चाहता हूँ। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने जन घोषणा पत्र में छत्तीसगढ़ में लेमुरु, कोरबा जैसे वन क्षेत्रों में हाथी और वन्य जीव अभ्यारण स्थापित करने और हाथी व मानव के संघर्षों को कम करने के लिए वाइल्डलाइफ कॉरिडोर से जोड़ने का वादा किया था। मैं उस घोषणा पत्र की छायाप्रति पत्र में संलग्न कर रहा हूँ। क्या आप प्रदेश को बताएंगे कि आखिर इस योजना का क्या हुआ ? पिछले साढ़े 4 सालों में प्रदेश सरकार के वन मंत्रालय ने कितने हाथी और अन्य वन्य जीव अभ्यारण स्थापित किए हैं ? इस योजना की जमीनी सच्चाई पर प्रदेश सरकार चुप्पी साधे क्यों बैठे हैं? कृपया जनता को बताएं वे जानना चाहते हैं।”

उन्होंने विधानसभा की कार्यवाही का ज़िक्र करते हुए कहा “आपने विधानसभा में एक प्रश्न के उत्तर में बताया था कि पिछले 3 वर्षों में प्रदेश में 55 हाथियों की मौत हुई और 2019-20 में 11 हाथियों की मृत्यु हुई। इसका साफ मतलब है कि साढ़े 4 वर्षों में कांग्रेस शासनकाल में 66 से ज्यादा हाथियों की मौत हो चुकी है और 58 हजार से ज्यादा मानव-हाथी द्वंद्व के प्रकरण दर्ज हुए, यानी रोजाना 50 से ज्यादा मामले दर्ज हुए। तो प्रदेश यह भी जानना चाहता है कि गजराज योजना और मानव-हाथी द्वंद्व को रोकने के लिए प्रदेश सरकार और वन मंत्रालय ने क्या काम किया?मुझे विश्वास है कि गजराज योजना का सच आप पूरे छत्तीसगढ़ को बताने में कोई विलंब नहीं करेंगे।”