दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र (SANSAD) से पहले आज (छह दिसंबर) को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसमें विभिन्न दलों के सदन के नेता भाग लेंगे। बैठक में सदन का कार्य सुचारू रूप से सुनिश्चित करने, सत्र के दौरान विधायी कार्यों सहित इससे जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हो सकती है। संसद का शीतकालीन सत्र सात दिसंबर से शुरू हो रहा है। यह 29 दिसंबर तक चलेगा। सूत्रों के अनुसार, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला मंगलवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक करेंगे।
राज्यसभा सदस्यों के लिए आचार संहिता जारी
राज्यसभा सचिवालय ने संसद के शीतकालीन सत्र से एक दिन पहले अपने सदस्यों के लिए आचार संहिता जारी की है। इनमें कहा गया कि किसी समिति की कार्यवाही को गोपनीय माना जाएगा और यह समिति के किसी सदस्य या किसी ऐसे व्यक्ति के लिए स्वीकार्य नहीं होगा, जिसके पास अपनी कार्यवाही प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मीडिया को सूचित करने की अनुमति है। बयान के अनुसार, प्रक्रिया के नियमों और कार्य-संचालन सूची में कहा गया है कि राज्यसभा के सदस्यों को जनता के विश्वास को बनाए रखने के लिए अपनी जिम्मेदारी को स्वीकार करना चाहिए और लोगों की भलाई के लिए अपने जनादेश का निर्वहन करने के लिए लगन से काम करना चाहिए।
सरकार ने 16 विधेयकों की सूची जारी की
इस बार उन्होंने पारंपरिक तौर पर सत्र से पहले आयोजित किये जाने वाले सर्वदलीय बैठक (SANSAD) के स्थान पर कार्य मंत्रणा समिति की बैठक बुलाने का निर्णय किया है। पिछले सप्ताह सरकार ने शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किये जाने वाले 16 विधेयकों की सूची जारी की थी।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस बैठक के लिये लोकसभा एवं राज्यसभा में विभिन्न दलों के नेताओं को निमंत्रण भेजा है। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उपस्थित रहने की संभावना है। कहा गया है कि संसद के शीतकालीन सत्र में लिये जाने वाले संभावित विधायी कार्यों एवं महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिये लोकसभा एवं राज्यसभा में राजनीतिक दलों के सदन के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र के सुचारू रूप से संचालन के लिये सभी दलों के नेताओं से सहयोग की अपेक्षा की है।
बैठक को लेकर कांग्रेस ने बुलाई थी अहम बैठक
इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर शनिवार को पार्टी की संसदीय दल (SANSAD) की अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अगुवाई में एक अहम बैठक बुलाई थी। करीब 70 मिनट चली बैठक में पार्टी सीमा तनाव, महंगाई सहित उन सभी मुद्दों को संसद में उठाने का फैसला लिया, जो जनता और देश की सुरक्षा से जुड़े है। इनमें साइबर क्राइम के मुद्दे को भी प्रमुखता से रखा गया है।