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अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2022 में खादी इंडिया ने दर्ज़ की 12.06 करोड़ की रिकॉर्ड बिक्री

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नई दिल्ली। खादी इंडिया पैवेलियन में प्रदर्शित प्रीमियम खादी वस्त्रों, ग्रामीण परिवेश में खादी कारीगरों द्वारा उत्पादित ग्राम उद्योग उत्पादों, पश्चिम बंगाल की मलमल खादी, जम्मू और कश्मीर की पश्मीना, गुजरात से पटोला रेशम, बनारसी रेशम, भागलपुरी रेशम, पंजाब की फुलकारी, आंध्र प्रदेश की कलमकारी और कई अन्य प्रकार के सूती, रेशम और ऊनी उत्पादों में मेहमानों ने रूचि दिखाई और खरीदारी की। इससे खादी इंडिया पवेलियन ने 12.06 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड बिक्री दर्ज की। उद्यमियों को विभिन्न उत्पादों की आपूर्ति के ऑर्डर प्राप्त हुए, जो भविष्य में उनके उत्पादों के विपणन के लिए लाभकारी होंगे। गांधीजी के सपनों की खादी को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच के साथ, केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने सभी कारीगरों और प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया और व्यापार मेले में भागीदारी के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने हाथों से तैयार किए हुए बेहतरीन खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों का प्रदर्शन करने के लिए भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2022 के हॉल नंबर 3 में ‘खादी इंडिया पैवेलियन’स्थापित किया था। आयोग ने खादी इंडिया पवेलियन के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “वोकल फॉर लोकल, लोकल टू ग्लोबल” की सोच को प्रासंगिक बनाया। मेले में केवीआईसी द्वारा स्थापित ‘खादी इंडिया’ पवेलियन का दौरा कई गणमान्य व्यक्तियों, राजनयिकों/दूतावासों के उच्चायोगों, संसद सदस्यों के अलावा लाखों दर्शकों ने किया। इस ‘खादी इंडिया पवेलियन’ के थीम पवेलियन में महात्मा गांधी जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ ‘सेल्फी प्वाइंट’ भी सभी आगंतुकों के आकर्षण का केंद्र रहा।

देश की शिल्पकारी, सांस्कृतिक विविधता,पारंपरिक शिल्प के साथ 200 से अधिक स्टाल की विशाल भागीदारी के माध्यम से खादी कारीगरों/उद्यमियों और लघु उद्योगों के प्रतिनिधियों को भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में खादी प्रेमियों से मिलने और ग्राहकों की रुचि जानने का अवसर मिला, जिससे वो भविष्य में ऐसे ही उत्पाद तैयार कर सकें।

चरखे से कताई की गतिविधि “कपास से सूत” बनाने, मिट्टी के बर्तन बनाने, अगरबत्ती बनाने आदि का दर्शकों के समक्ष प्रदर्शन ने युवाओं को प्रेरित किया वो कैसे अपना उद्यम स्थापित कर सकते हैं और केवीआईसी योजनाओं के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सकते हैं। विशेष ‘सुविधा डेस्क’ के माध्यम से युवाओं को स्वरोजगार अपनाने और ‘रोजगार तलाशने वालों की जगह रोजगारदाता’ बनने के लिए केवीआईसी की योजनाओं की जानकारी मिली।