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भिलाई नगर निगम में नेताप्रतिपक्ष बनने नए पार्षद ने लगाया ज़ोर…बांटे पैसे…दिए गिफ्ट…

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दुर्ग। भिलाई नगर निगम जोड़तोड़ की राजनीति के लिये हमेशा चर्चा का विषय बना रहता है। इसकी बानगी एक बार फिर देखने को मिल रही है। नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष के चुनाव को लेकर पार्षदों ने अपनी अपनी जोर आजमाइश शुरू कर दी है।

एक नए नवेले पार्षद का नाम उस समय सुर्खियों में आ रहा है जब उसके द्वारा पार्षदों को खरीद फरोख्त का मामला सामने आया है। चर्चा है कि ये पहली बार के पार्षद अपने पक्ष में पार्षदों का समर्थन लेने के लिये 50-50 हजार रुपये बांट रहे हैं।

इतना ही नहीं “चांदी के जूते की मार” की कहावत की तरह ही चांदी के लोटे तक बांट रहे हैं। चकाचक सफेद पोशाक में रहने वाले पार्षद अपनी दावेदारी के लिये रायपुर बीजेपी मुख्यालय तक चक्कर कांट रहे हैं, और अपने आकाओं को साध रहे हैं। कुछ पार्षद ही दबी जुबान में लेनदेन की जानकारियां दे रहे हैं लेकिन सामने कोई भी आने को तैयार नहीं है। ये चर्चा अब निगम कार्यालय तक पहुँच चुकी है। भिलाई में वैसे ही बीजेपी हर जगह कमजोर पड़ रही है और ऐसी स्थिति में एक छोटी सी भूल पार्टी को भारी पड़ सकती है। ये दावे से कहा जा सकता है और पुराने दमदार रणनीतिकारों का भी मानना है कि भाजपा को नेताप्रतिपक्ष ऐसा चुनना होगा जिसकी छवि साफ होने के साथ सभी पार्षदों को लेकर चलने की क्षमता हो।

वो पूरे दमखम के साथ पूरे 4 सालों तक सत्ता पक्ष के सामने जनता से जुड़े विकास कार्यों को दस्तावेजों के आधार पर मजबूती के साथ अपनी बात रखकर विरोध कर सके। इसके साथ ही बीजेपी के पार्षद और संगठन में भी उसकी सहज मान्यता और स्वीकार्यता हो। ऐसा नेताप्रतिपक्ष ही निगम और संगठन दोनों के लिये जरूरी है।