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किसानों का बड़ा आंदोलन, विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की डिमांड

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भोपाल। मध्यप्रदेश के किसानों (MP KISHAN) और किसान नेताओं ने एक बार फिर विधानसभा का 7 दिन का विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग की है। उनकी मांग है कि इसमें सिर्फ खेती-किसानी से जुड़े मुद्दे और समस्याओं पर ही चर्चा हो। आज इस मांग के साथ भोपाल में प्रदेशभर से किसान जुटेंगे। भारतीय किसान संघ के बैनर तले 18 मांगों पर बड़ा आंदोलन करेंगे। किसानों के इवेंट को लेकर आज राजधानी में कई रूट डायवर्ट भी रहेंगे।

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भाकिसं के ‘किसान शक्ति शंखनाद, ग्राम सभा से विधानसभा’ के तहत हो रहे कार्यक्रम में प्रदेशभर से हजारों किसान (MP KISHAN) जुटेंगे। इसे लेकर एमवीएम कॉलेज में बड़ा पंडाल बनाया गया है। संघ के पदाधिकारी किसानों को संबोधित करेंगे। जिला और तहसील स्तर से किसानों को जुटाने के लिए पिछले 4 महीने से तैयारियां चल रही थीं। ऐसे में सरकार की टेंशन भी बढ़ सकती है।

18 मुद्दों में खाद-बीज से लेकर हर बिंदू शामिल

जिन 18 मुद्दों को लेकर किसान भोपाल में जुटेंगे, उनमें खाद, बीज, मुआवजा, भावांतर समेत हर बिंदू (MP KISHAN)  शामिल हैं। किसानों की मांग है कि अनाज और सब्जियों पर भावांतर योजना लागू की जाए। इससे उन्हें मंडियों में कम दाम न मिले। सबसे बड़ा मुद्दा विधानसभा सत्र बुलाने का ही है। किसान चाहते हैं कि विधानसभा का 7 दिवसीय विशेष सत्र बुलाकर सरकार सिर्फ उन्हीं से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करे।

ये हैं किसानों की मांगें

  • प्रदेश सरकार खेती-किसानी से संबंधित विषयों पर चर्चा के लिए विधानसभा का सात दिवसीय विशेष सत्र बुलाए।
  • वायरस या अफलन से हुए नुकसान की भरपाई के लिए भावांतर, मुआवजा दें।
  • डिफॉल्टर किसानों का ब्याज माफ कर उन्हें सोसाइटियों के जरिए खाद-बीज प्रदान किया जाए।
  • मुख्यमंत्री कृषि पंप अनुदान योजना जल्द चालू हो।
  • सभी वितरण केंद्र स्तर पर बिजली समस्या समाधान कैम्प लगाकर तत्काल किसानों की समस्याएं दूर की जाएं।
  • मुख्यमंत्री खेत सड़क योजना एवं बलराम तालाब योजना फिर से चालू हो।
  • प्रदेश की सभी नहरों की मरम्मत की जाए, समय पर किसानों को बेहतर तरीके से पानी मिल सके।
  • प्रदेश के सभी गोपालक किसानों को 900 रुपए प्रति माह दिया जाए।
  • मुख्यमंत्री सम्मान निधि की राशि 4 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रुपए की जाए।
  • राजस्व के प्रकरणों का पंचायत स्तर पर कैम्प लगाकर शीघ्र निराकरण किया जाए।
  • जमीन क्रय करने वाले व्यक्ति की रजिस्ट्री के बाद अधिकतम सात दिन के अंदर नामांकरण भी किया जाए, ताकि जालसाजी न हो सके।
  • जंगली जानवरों एवं आवारा पशुओं से होने वाले किसानों के नुकसान की भरपाई सरकार करे।
  • जिन क्षेत्रों में कृषि भूमि की गाइडलाइन बहुत कम है, उसे बढ़ाया जाए और भूमि अधिग्रहण करते समय किसानों को गाइडलाइन का चार गुना मुआवजा दिया जाए। बहुत जरूरी होने पर ही उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण हो।
  • मंडियों में कार्यरत महिला मजदूरों को हम्माल का दर्जा दिया जाए।
  • प्रदेश के विकास प्राधिकरणों को भंग किया जाए, जिससे योजनाओं के नाम पर किसानों के साथ होने वाली लूट बंद हो सके।
  • मंडियों में डोकोज टेस्टिंग मशीनें लगाई जाएं।
  • अनाज तौलने के लिए 10 टन के फ्लेट कांटे लगें।