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GSTके नियमों में हुआ बड़ा बदलाव: अब 200 रुपये के माल बिक्री पर देना होगा अलग बिल

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रायपुर। GST के नियमों में नवंबर लगते ही कुछ बदलाव हुआ है, जिसके बारे में लोगों का जानना भी जरूरी है। जब कोई जीएसटी रजिस्टर्ड व्यापारी माल बेचता है तो वह अपने ग्राहक को जीएसटी बिल देता है। हम अपने इस समाचार के जरिए यही बता रहे हैं कि यह बिल देना कब जरूरी होता है।

यदि एक व्यापारी दिनभर में चिल्हर में 200 रुपये से कम का माल GST में किसी गैर पंजीकृत ग्राहक को बेचता है, यदि 20 बार भी बेचता है तो वह उस चिल्हर मूल्य का दिनभर का एक ही बिल बना सकता है। जैसे किसी ग्राहक को 90 रुपये का माल बेचा, दूसरे ग्राहक को 130 रुपये का, तीसरे को 190 रुपये का, चौथे को 80 रुपये का माल बेचा तो इस बिक्री का एक बिल 490 का बना सकता है। लेकिन यदि व्यापारी ने किसी व्यक्ति को 200 रुपये या उससे अधिक का माल बेचा तो उस ग्राहक का अलग से बिल बनाना अनिवार्य होगा, चाहे वह जीएसटी में पंजीकृत ग्राहक हो या गैर पंजीकृत।

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बिल में यह होगा अनिवार्य

कर विशेषज्ञों ने बताया कि यदि व्यापारी ने किसी ग्राहक को 50 हजार रुपये से ज्यादा का माल बेचा है और वह व्यक्ति जीएसटी में पंजीकृत नहीं है तो बिल में व्यक्ति का नाम, पता, राज्य का नाम एवं कोड और माल कहां डिलीवर होगा, यह भी डालना अनिवार्य है। यदि व्यापारी ढाई लाख से ज्यादा का माल इंटरस्टेट (ढाई लाख सिर्फ माल की लागत होनी चाहिए, टैक्स शामिल नहीं होगा) किसी व्यक्ति को बेचता है और यदि वह ग्राहक जीएसटी में पंजीकृत नहीं है तो उसे जीएसटी रिटर्न में भी अलग से दर्शाना जरूरी होगा।

GST बिल में अनिवार्य रूप से भरे जाने वाले कालम

बिल नंबर, बिल की दिनांक, ग्राहक का नाम, बिलिंग का स्थान, जीएसटी नंबर यदि ग्राहक रजिस्टर्ड हो तो एचएसएन कोड, माल का विवरण, कर योग्य राशि, जीएसटी टैक्स के रेट, क्या जीएसटी रिवर्स चार्ज के आधार पर देय है एवं व्यापारी का हस्ताक्षर।