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डायरिया का प्रकोप: कोटा में 22 मरीज मिले, 8 बच्चे भर्ती

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बिलासपुर। कोटा ब्लॉक डायरिया और मलेरिया के लिए संवेदनशील क्षेत्र (BILASPUR NEWS) माना जाता है। यहां हर वर्ष दर्जनभर मलेरिया और डायरिया के मरीज मिलते हैं। इसके बावजूद स्वास्थ्य अमला इस क्षेत्र में बेहतर उपचार प्रदान नहीं कर पा रहा है। यदि कारण है कि यहां संक्रमित बीमारी की चपेट में लोग आते जा रहे हैं।

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रविवार को भी कोटा के आमगोहन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उल्टी दस्त के मरीज पहुंचने लगे। अलग-अलग बार में 22 से ज्यादा लोगों को अस्पताल ले जाया गया। यहां 8 की हालत को देखते हुए उन्हें रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेफर कर दिया गया है। अब भी 12 लोगों का इलाज आमागोहन प्राथमिक स्वास्थ्य (BILASPUR NEWS)  केंद्र में चल रहा है। कुछ लोगों का उपचार घर में भी जारी है। इधर, हेल्थ डिपार्टमेंट को जानकारी मिलने के बाद गांव में हेल्थ कैंप नहीं लगाया गया है। न ही दवा बांटी जा रही है जिसके चलते डायरिया के मामले और बढ़ने की आशंका है।

मस्तूरी में 352 लोग आए थे डायरिया की चपेट में

जुलाई महीने से ही जिले में डायरिया का प्रकोप देखने को मिला। सबसे पहले मस्तूरी ब्लॉक के ग्राम सरसेनी में डायरिया के मरीज मिले। जुलाई के महीने में ही सरसेनी (BILASPUR NEWS)  और आस पास के गांव से तकरीबन 352 लोग डारिया के चपेट में आए। 100 से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। इसके साथ ही बिल्हा में भी 36 लोग डायरिया के चपेट में आए थे जिसके बाद स्वास्थ्य अमले में हड़कंप मचा रहा। लेकिन अब कोटा क्षेत्र में डायरिया फैल रही है।

इससे पहले बिलासपुर के शहरी इलाकों में भी डायरिया फैल चुका है। 7 महीने पहले कई लोग इसकी चपेट में आ गए थे। शहर के तालापारा, तारबाहर और टिकरापारा इलाके में सबसे ज्यादा समस्या हुई थी। 6 लोगों की जान भी डायरिया के चलते गई थी। ऐसे में एक बार फिर जिले में डायरिया के मामले मिलने लगे हैं। कोरोना के बाद डायरिया से निपटने के लिए स्वास्थ्य अमले की कोई तैयारी नहीं है जिसके कारण एक के बाद एक ब्लॉक में डायरिया के मरीज मिल रहे हैं।