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बलात्कार पर सियासत से भड़की भाजपा नेत्री, इस मामलें में राजनीति को बताया दुःखद

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रायपुर। पहले निर्भया और अब हाथरस जैसे मामलों से देश में आक्रोश है। और उससे भी कहीं ज़्यादा गुस्सा इन मसलों पर सियासत करने वालों के ख़िलाफ़ आम लोगो के ज़ेहन में है। भाजपा की दिग्गज नेत्री ने भी दुष्कर्म जैसे मामलों पर राजनीति को दुखद और पीड़ादायक बताया है। साथ ही उन्होंने इन सभी के लिए केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा ज़ारी गाइडलाईन का भी ज़िक्र किया है।

छत्तीसगढ़ से राज्यसभा में महिलाओं के लिए आवाज़ उठाने वाली नेत्री सरोज पांडे ने आज पत्रकारवार्ता में केंद्रीय गृहमंत्रालय द्वारा महिला अपराध को लेकर ज़ारी हुई नई गाइडलाईन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा “केंद्र की नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने महिलाओं के विरुद्ध घटनाओं पर एडवाइजरी जारी की है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपनी एडवाइजरी में ये बड़े स्पष्ट शब्दों में कहा है कि बलात्कार की घटना पर तुरंत एफआईआर दर्ज किया जाएगा।

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इसके लिए उन्होंने पुलिस को थाना सीमा की बाध्यता से भी मुक्त रखा है। मतलब थाना कोई भी हो जहाँ पीड़ित पक्ष इस संबंध में शिकायत लेकर पहुंचा है वही अपराध दर्ज़ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि घटना के पास के थाने में जाकर एफआईआर दर्ज कराया जा सकता है। पीड़िता की शिकायत पर अपराध दर्ज़ नहीं करने वाले अधिकारी पर दंडित किया जाएगा।”

24 घंटे के भीतर पीड़िता का मेडिकल
राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय इस कहा कि ” ऐसी घटना घटने के बाद लंबे समय से जांच चलती रहती थी, जिसे बदलकर केंद्र सरकार ने अब आदेश ज़ारी करते हुए कहा है कि बलात्कार की घटना की जांच दो महीने में पूरी होनी चाहिए। इसके आलावा जो सबसे अहम हिस्सा होता है ऐसे मामलों में वो है मेडिकल टेस्ट। इसके लिए भी FIR दर्ज होने के 24 घंटे के अंदर ही पीड़िता का मेडिकल टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है।”

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दुष्कर्म पर न हो राजनीति
देश और प्रदेश में लगातार एक एक कर के बलात्कार के मामलें सामने आ रहे है। ऐसे में इस मामलें पर जमकर राजनीति भी चल रही है। इस मामलें पर राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय ने अपना मत रखते हुए कहा कि “पूरा देश अब महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर धधक रहा है। पीड़िता किसी राज्य की हो, किसी वर्ग की हो, लेकिन ऐसे गंभीर विषयों पर राजनीति बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। आगे उन्होंने कहा कि ” दुष्कर्म जैसे गंभीर मामलों पर बार-बार सियासी दांवपेंच खेलने का काम विपक्षी दल की तरफ से होता रहा है, कम से कम ऐसे मामलों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। ये हम सभी के लिए और पुरे समाज के लिए पीड़ादायक है।