दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों (Krishi Kanoon) को वापस लिए जाने के बाद किसानों ने एक साल बाद अपना आंदोलन खत्म कर दिया है। इस बीच राजधानी लखनऊ में आए राकेश टिकैत से मिडिया से बातचीत में कहा कि आज कई कार्यक्रम में वह हिस्सा लेंगे।
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वह गांव की असल हकीकत जानने के लिए निकले हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा हमने आंदोलन (Krishi Kanoon) को स्थगित किया है खत्म नहीं किया है। अगर जरूरत पड़ती है तो हम दोबारा आंदोलन शुरू कर सकते हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता ने लखीमपुर खीरी की घटना पर बात करते हुए कहा कि यह घटना लोगों (Krishi Kanoon) के दिल में बस गई है। एक हत्यारोपी देश में खुलेआम घूम रहा है। सरकार को इसका जवाब भी देना होगा और चुनाव में इसका नुकसान भी उठाना पड़ेगा।
क्या है लखीमपुर हिंसा
बताते चलें कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्रा समेत 13 अभियुक्तों पर तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर जीप चढ़ाकर उन्हें कुचलने का आरोप है। इस मामले की जांच कर रही यूपी पुलिस की एसआईटी ने इस कांड को एक सोची समझी साजिश बताया था। साथ ही अधिक गंभीर आरोपों को शामिल किए जाने का अनुरोध किया। वहीं, इस कांड के बाद से विपक्ष समेत किसान संगठन केंद्रीय मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।