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आदिवासी नृत्य महोत्सव : नागालैंड के शौर्य और बंगाल के संथाली नृत्य ने बढ़ाया रोमांच

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रायपुर। राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में चल रहे राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव एवं राज्योत्सव के अवसर पर आज नागालैण्ड के कलाकारों ने शक्ति और शौर्य से ओतप्रोत योद्धक नृत्य का दृश्य प्रस्तुत किया। कलाकारों की भाव-भंगिमाएं और नृत्य कौशल देखते ही बन रहा था।

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उनकी पराम्परागत वेशभूषा बरबस ही आर्कषित कर रही थी। नागालैण्ड में यह नृत्य शत्रुओं को परास्त करने वाले वीर योद्धाओं को नमन करने और उनकी शौर्य गाथा को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।

शत्रुओं के साथ वीर योद्धाओं के शौर्य की नृत्य के माध्यम से प्रस्तुति ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। नागालैण्ड के योद्धा संगतम जनजातीय कलाकारों द्वारा परम्परागत वेशभूषा में माकू हाई निइची संगतम नृत्य में शौर्य कौशल का प्रदर्शन किया गया।

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 2021 के तीसरे दिन पश्चिम बंगाल के संथाली समुदाय के नर्तक दल द्वारा प्रस्तुत संथाली लोकनृत्य ने दर्शकों का मन मोह लिया। रंग-बिरंगे आकर्षक परिधान धारण किए हुए नर्तक दल की सधे हुए लयबद्ध नृत्य को दर्शकों ने खूब सराहा और तालियां बजाकर नर्तक दल का उत्साहवर्धन किया।

पश्चिम बंगाल के संथाल परगना में संथाली आदिवासी बहुतायत रूप से बसते हैं। संथाली लोक कला व संस्कृति का अहम हिस्सा है नृत्य। साड़ी की धोती और माथे पर साड़ी की पगड़ी पहन कर संथाली जब समवेत स्वर में थिरकते हैं,

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तो इसकी खूबसूरती मन मोह लेती है। प्रकृति की गोद में बसे संथाली आदिवासियों को नाच-गाने का शौक बिरासत में मिला है। संथाली नृत्य में पूरा परिवार पूरी बिरादरी, पूरा गांव मिलकर नाचते हैं।