नई दिल्ली। टाटा स्टील के कर्मचारी अब एक निश्चित अवधि तक कंपनी में सेवा देने के बाद नौकरी अपनी संतानों और आश्रितों को भी ट्रांसफर कर सकेंगे। इसके लिए कंपनी “जॉब फॉर जॉब” स्कीम ला रही है।
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इसके आलावा कंपनी समय से पहले रिटायर्डमेंट लेने वालों कर्मचारियों के लिए अर्ली सेपरेशन स्कीम भी लांच कर रही है।
टाटा स्टील ने इन दोनों स्कीम को मिलाकर “सुनहरे भविष्य की योजना” का नाम दिया है, जिसे देशभर में आगामी एक नवंबर से लागू किया जायेगा।
कंपनी के कर्मचारी एक साथ दोनों स्कीम का भी लाभ ले सकते हैं। कंपनी इसके लिए अपने कर्मचारियों के लिए सर्कुलर भी लगातार ज़ारी कर रही है। टाटा स्टील के आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जॉब फॉर जॉब स्कीम के तहत कर्मचारी अपने पुत्र, पुत्री, दामाद या किसी अन्य को आश्रित नामित कर अपनी नौकरी हस्तांतरित कर सकेंगे।
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टाटा स्टील में पहले प्रशिक्षु
आश्रित की बहाली पहले प्रशिक्षु के तौर पर होगी। प्रशिक्षण के बाद उन्हें एक परीक्षा देनी होगी। इसके बाद ही उनकी सेवा स्थायी की जायेगी। परीक्षा में असफल आश्रित को नौकरी से वंचित होना पड़ सकता है।