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Bhaiyaji Special: छत्तीसगढ़ का पहला उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय बनेगा पाटन में

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पाटन. छत्तीसगढ़ का पहला उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय (University of Horticulture and Forestry) पाटन जिले में बनेगा। शुक्रवार को इसका भूमि पूजन किया गया है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो जब उत्पादक ही कृषि उद्योगों से सीधे जुड़ेंगे तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुधरेगी एवं रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। गांधीजी के ग्राम स्वरोजगार से ग्रामीण विकास कर सरकार का स्वावलंबी छत्तीसगढ़ बनाने का सपना इस विश्वविद्यालय का प्रमुख उद्देश्य होगा। आपको बता दे कि पूरे देश में वर्तमान में केवल 6 राज्यों में ही उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय हैं। वन क्षेत्र में छत्तीसगढ़ देश में मध्यप्रदेश एवं अरुणाचल प्रदेश के बाद तीसरे स्थान पर है। उद्यानिकी-वानिकी एवं ग्रामीण यंत्रीकरण में इस विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

90 एकड़ में बनेगा विश्वविद्यालय

विश्वविद्यालय (University of Horticulture and Forestry) के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी डॉ. अजय वर्मा ने बताया कि भविष्य में व्यवस्थित एवं योजनाबद्ध विश्वविद्यालय की अधोसंरचना का विकास हो अत: मास्टर प्लान की प्रशासनिक स्वीकृति शासन से ले ली गई है। मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सांकरा में 90 एकड़ भूमि में विकसित होने वाले विश्वविद्यालय परिसर का भूसर्वेक्षण कर जल आपूर्ति, सड़क, बिजली,पानी निकासी आदि की भी प्लानिंग कर ली गई है। ऊर्जा, पानी एवं अन्य संसाधनों का कुशलता पूर्वक उपयोग कर पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए ग्रीन बिल्डिंग अवधारणा पर पूरा मास्टर प्लान तैयार किया गया है।

55 एकड़ की लागत से बनेगा विश्वविद्यालय

55 करोड़ की लागत से बनने वाले विश्वविद्यालय (University of Horticulture and Forestry) में मुख्य परिसर में शैक्षणिक भवन, प्रशासनिक भवन बनेगा। विश्वविद्यालय का एक भव्य प्रदेश द्वारा होगा। विश्वविद्यालय की 60-70 प्रतिशत जगह खाली रहेगी। इस स्थान पर फलदार एवं छायादार पौधे लगाए जाएंगे। परिसर में प्रयोगशालाएं, कर्मशालाएं, लाइबेरी, म्यूजीयम, अनुसंधान प्रक्षेत्र, गेस्ट हाउस, आडीटोरियम, जिम्नेजीयम, कम्यूनीटी हाल, वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों के आवास, डिस्पेसरी आदि होगें।