जम्मू। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में टारगेट किलिंग की बढ़ती घटनाओं ने केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन की चिंताएं बढ़ा दी हैं। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों ने इस महीने की शुरुआत से अपनी रणनीति बदलते हुए आम लोगों को निशाना बनाना शुरू किया है। इन घटनाओं में इस महीने अब तक 11 लोगों की हत्याएं की जा चुकी हैं। आतंकी घाटी में अल्पसंख्यकों और गैर कश्मीरियों को निशाना बनाने में जुटे हुए हैं। आतंकियों के खिलाफ सेना की ओर से भी बड़ा अभियान शुरू किया गया है और मगर अभी तक इन घटनाओं पर रोक नहीं लग सकी है।
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रेकी के बाद तय करते हैं सॉफ्ट टारगेट
दक्षिणी कश्मीर (Jammu and Kashmir) में रविवार को आतंकियों ने लगातार दूसरे दिन टारगेट किलिंग की घटना को अंजाम दिया। आतंकियों ने घर में घुसकर दो बिहारी मजदूरों को मार डाला जबकि एक मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया। एक दिन पहले ही आतंकियों ने बिहार के बांका के रहने वाले अरविंद कुमार साह और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के सगीर की अलग-अलग घटनाओं में हत्या कर दी थी। सुरक्षा एजेंसी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि आतंकी अपने टारगेट की मुकम्मल रेकी के बाद इन घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। हत्या की घटना से पहले कई दिनों तक सॉफ्ट टारगेट की गतिविधियों की पूरी जानकारी जुटाई जाती है। पूरा ब्योरा जुटाने के बाद आतंकी यह तय करते हैं कि किस समय साफ्ट टारगेट को निशाना बनाना सबसे ज्यादा मुफीद होगा।
आम लोगों को निशाना बनाना ज्यादा आसान
सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सुरक्षा बलों की सतर्कता और बड़े अभियानों के कारण आतंकियों में बौखलाहट दिख रही है क्योंकि वे बड़ी घटनाओं को अंजाम नहीं दे पा रहे हैं। कई आतंकी संगठनों के सरगनाओं को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है। इसके साथ ही चप्पे-चप्पे पर निगरानी के कारण आतंकियों ने बौखलाहट में आम लोगों को निशाना बनाना शुरू किया है। आतंकियों ने आम लोगों को निशाना बनाकर घाटी में आतंकवाद को जिंदा रखने की रणनीति पर अमल शुरू किया है।
प्रवासी मजदूरों का घर लौटना शुरू
घाटी (Jammu and Kashmir) में टारगेट किलिंग की बढ़ती घटनाओं के कारण दहशत का माहौल दिख रहा है। कुलगाम के वानपोह इलाके में काफी संख्या में बिहार के मजदूर किराए पर रहते हैं और इसे मिनी बिहार के नाम से भी जाना जाता है। रविवार को आतंकियों ने यहीं पर मजदूरों को निशाना बनाया था। बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों से भी लोग रोजी-रोजगार की तलाश में घाटी पहुंचते रहे हैं मगर टारगेट किलिंग की बढ़ती घटनाओं के कारण लोगों ने अब घर लौटना शुरू कर दिया है। वैसे दीपावली और छठ पर्व पर मजदूर घर लौटते रहे हैं मगर इन घटनाओं के कारण उन्होंने इस बार समय से पहले ही घर लौटना शुरू कर दिया है।