spot_img

मार्कफेड के ऑटो DO और शेष भुगतान के खिलाफ़ राइस मिलर्स का फूटा गुस्सा, बड़े आंदोलन की तैयारी

HomeCHHATTISGARHमार्कफेड के ऑटो DO और शेष भुगतान के खिलाफ़ राइस मिलर्स का...

रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान की मिलिंग के लिए मार्कफेड द्वारा जबरिया DO काटने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। ऑटो डीओ के खिलाफ पहले भी राजधानी रायपुर, बिलासपुर, जांजगीर, महासमुंद समेत कई जिलों में ज्ञापन और प्रदर्शन किया जा चूका है बावजूद इसके अब तक सरकार की तरफ से इस मामलें को लेकर कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया है।

भैयाजी ये भी देखे : दोबारा शुरु होगा “मिलिये मंत्री से” कार्यक्रम, कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे…

जिसके खिलाफ आज प्रदेशभर के राइस मिलर्स महासमुंद में एक जुट हुए। यहाँ उन्होंने सरकार के इस तुगलकी फरमान के खिलाफ मोर्चा खोलने की रणनीति भी तैयार की है। मिलरों की मानें तो जल्द ही प्रदेश स्तर पर एक बड़ा आंदोलन इसे लेकर किया जा सकता है।

इसके आलावा मिलर्स ने सरकार से 2019-20 और 2020-21 के मिलर्स का बकाया भुगतान भी क्लीयर करने के साथ ही मिलर्स पर लगाए गए जबरिया पैनाल्टी को भी वापस लेने की मांग की गई है। साथ ही मिलर्स ने आने वाले वर्ष की कस्टम मिलिंग के बारे में सुनिश्चित किया है कि जब तक भुगतान सहित सभी समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता राईस मिलर्स मिलिंग के लिए पंजीयन ही नहीं कराएगें।

राइस मिलर्स एसोशिएशन की इस बैठक में शामिल पूर्व अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने बताया कि ” प्रदेशभर में धान की मिलिंग को लेकर मार्कफेड द्वारा ज़ारी हो रहे ऑटो डीओ से मिलर्स को दोहरा नुक़सान उठाना पड़ रहा है। पहला तो अब सरकार के द्वारा जो धान ऑटो डीओ के मार्फत मिलर्स को दिया जा रहा है उसकी क्वालिटी बेहद खराब है। जिसकी मिलिंग में ढेरों समस्याएं आ रही है।”

पूर्व अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने कहा कि “इसके बाद अब राज्य सरकार मिलर्स से चावल न लेकर उसे सीधे FCI में देने के लिए कह रही है, वहां सरकार द्वारा दिए गए खराब धान की मिलिंग के बाद निकला चावल भी तय मापदनों को पूरा नहीं करने की वज़ह से फेल हो रहा है। ऐसे में मिलिंग का खर्चा तो बहोत दूर बिजली बिल तक मिलर्स नहीं निकाल पा रहे है।”

ऑटो DO सिस्टम बंद करें सरकार-रूंगटा

इधर राइस मिलर्स एसोशिएशन के अध्यक्ष कैलाश रूंगटा ने बताया कि सरकार सीधे तौर पर खराब धान की मिलिंग के लिए दबाव बना रही है। ऑटो डीओ को लेकर पहले भी ज्ञापन और कई दौर की बातचीत की जा चुकी है। बावजूद इसके अब तक कोई ठोस निर्णय सरकार की तरफ से नहीं लिया गया है। जिसके खिलाफ तमाम राइस मिलर्स मिलकर सरकार के खिलाफ लामबंद होंगे।

भैयाजी ये भी देखे : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बोले, गोबर से बिजली बनाकर गांव होंगे आत्मनिर्भर

इस बैठक में राईस मिलर्स एसोशिएशन के अध्यक्ष कैलाश रूंगटा, पूर्व अध्यक्ष योगेश अग्रवाल, मुरारी भूतड़ा, बालोद के अश्विनी चंद्रकार, कोण्डागांव के हरीश गोलछा, बालोद के आकाश कटारिया, बिल्हा के विजय तायल, आरंग के श्रवण अग्रवाल, प्रमोद अग्रवाल खरोरा, प्रमोद जैन रायपुर, रौशन चंद्राकर कुरूद, दिलीप अग्रवाल रायपुर, महावीर अग्रवाल दुर्ग, रिजवान मेमन गरियाबन्द, ललित अग्रवाल रायपुर, विनीत जैन दुर्ग, शब्बीर मेमन कांकेर, देवराज सांखला राजिम आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।