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कवर्धा मामलें में भाजपा का धरना, बृजमोहन बोले हिन्दू अहिंसात्मक है, नपुंसक नहीं…

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रायपुर। कवर्धा में पूरे प्रदेश ने दुर्भावना पूर्ण ढंग से एकतरफा कार्रवाई के विरोध में भारतीय जनता रायपुर जिला ने बूढ़ा तालाब में एक दिवसीय धरना दिया।

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सैकड़ो की संख्या में धरना में बैठे भाजपा कार्यकर्ताओं ने शासन के संरक्षण में हिंदू धर्म के अपमान किए जाने के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। कवर्धा में दशको से चलते आ रही एक परंपरा को स्थानीय विधायक और मंत्री के शह देने पर बलपूर्वक रोकने का प्रयास किया गया। भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध करने पर व शांतिपूर्ण मार्च निकालने पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की गई।

इस घटना से आक्रोशित धरने पर बैठे भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा “भाजपा के 15 वर्षों के कार्यकाल में कभी धर्म के नाम पर प्रदेश का माहौल खराब नही हुआ। कभी धारा 144 नहीं लगी कर्फ्यू तो दूर की बात है।

लेकिन जब यहाँ कवर्धा जल रहा था तो छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री दूसरे प्रदेश में चाटुकारिता की रोटी गर्म कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पलायन तो भूपेश की पुरानी आदत है। क्योंकि जब नक्सली हमले में जवान शहीद हो रहे थे तब असम में भूपेश बघेल नृत्य कर रहे थे।”

उन्होंने कहा कि “सनातन हिंदू धर्म, सर्वधर्म समभाव में विश्वास करता है। वह अहिंसात्मक है लेकिन नपुंसक नही। जिस प्रकार छत्तीसगढ़ की भुपेश बघेल और उसकी सरकार एकतरफा दृश्टिकोण से कार्य कर रही है वह प्रदेश की जनता को कभी स्वीकार नही होगा। और भाजपा के कार्यकर्ता इस दोहरी नीति के खिलाफ प्रत्येक मंच का पूरी ताकत से पुरजोर विरोध करेंगे।”

पुलिस अफसरों पर बसरे मूणत

पूर्व मंत्री व भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत ने चेतावनी देते हुए कहा कि पुलिस अधिकारियों को चाटुकारिता में अपनी सीमा नही भूलनी चाहिए। उन्होंने कहा सत्ता तो जनता की गुलाम होती है अपने अहंकार में अधिकारी वर्ग उसे जनता के सिर पर बैठाने की कोशिस न करे।

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उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि कवर्धा की घटना कोई आकस्मिक नहीं है जब से कांग्रेस सरकार आई है वहां एक धर्म विशेष के लोगों को बसा कर, उन्हें राशन कार्ड, आधार कार्ड और आवास दिए जा रहे हैं। प्रशासन अगर निष्पक्ष काम करना चाहता तो पहले ही दिन दोनों पक्षों पर कार्रवाई करके घटना को काबू में किया जा सकता था। परंतु उन्होंने एक धर्म विशेष के लोगों को प्रश्रय दे कर घटना को बड़ा होने दिया।