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“पानी” की पहुंच से खुश है बैगा जनजाति की महिलाएं, कहा-अब नहीं लगाते नदी की दौड़

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मुंगेली। मुंगेली जिले में निवास करने वाले बैगा जनजाति परिवारों को अब पानी के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। उन्हे अपनी जरूरतों के लिए कभी नदी तो कभी दूर दराज के नालों, झरनों का सहारा लेने पड़ता था। लेकिन अब ऐसी बात नहीं रही।

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पानी को लेकर हमेशा परेशानी झेलते आये इन परिवारों की परेशानी जल जीवन मिशन के तहत प्रशासन ने दूर किया है। उनके घरों में भी नल कनेक्शन दे दिये गये है और वे अपने घर में ही नल कनेक्शन के माध्यम से शुद्ध पेयजल प्राप्त कर रहे है।

जल जीवन मिशन के अंतर्गत जिले के विकास खण्ड लोरमी के सुदूर वनांचल क्षेत्र बैगा बाहुल्य ग्राम पंचायत कारी डोंगरी के आश्रित ग्राम साभरधशान, बाकल और बोकरा कछार के सभी घरो में नल कनेक्शन दिये गये है। इससे वे बहुत खुश है। खासकर महिलाएं जो पानी के लिए नदी जाती थी और अपने सिर पर बड़ा बर्तन उठाकर कठिनाईयों का सामना करते हुए लम्बी सफर तय कर पानी घर लाती थी। वह अपने घर के पास नल पाकर बहुत राहत महसूस कर रही है।

पानी के लिए अब नहीं उठाना पड़ता बोझ

बैगा जनजाति की चंद्रिका बाई ने बताया कि पहले पिने के पानी के लिए बहुत दूर जाना पड़ता था। घर पर नल लग जाने से अब उन्हें न तो नदी जाना पड़ता है और न ही सिर पर बोझ उठाकर लम्बा सफर तय करना पड़ता है। बैगा जनजाति की ही लगभग 60 साल की सतनी बाई ने बताया कि गाँव में एक ही बोरिंग थी।

बोरिंग के बिगड़ने पर गाँव की महिलाओं के लिए बड़ी मुसीबत पैदा हो जाती थी। सभी को दूर तक पैदल चलकर नदी से पानी लाना पड़ता था। बारिश के दिनों में पैदल पानी लाना और भी बडी परेशानी थी। सतनी बाई ने बताया कि घर में नल लग जाने से सभी को साफ पानी मिल रहा है।

पानी के लिए नहीं लगाते नदी की दौड़

ग्राम बाकल की लखन बैगा, ग्राम बोकरा कछार की ईश्वरी पोर्ते के अलावा ग्राम की अन्य महिलाओं ने कहा कि पानी की जरूरत कब किस घर में नहीं होती। पहले पानी के लिए बार-बार नदी की दौड़ लगातेे थे। इससे घर का अन्य कामकाज भी प्रभावित होता था।

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उन्हें पीने के लिए साफ पानी भी नहीं मिल पाता था। अब जबकि नल लग गया है तो उनकी मुसीबत दूर हो गई है। महिलाओं ने नल के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराने पर शासन प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया।