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अनुसूचित जनजाति उपयोजना समिति की बैठक, 1320 करोड़ के कामकाज का प्रस्ताव

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रायपुर। मंत्रालय में आज अनुसूचित जनजाति उपयोजना के क्रियान्वयन हेतु गठित कार्य कारिणी समिति की बैठक हुई। इस बैठक की अध्यक्षता मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने की। बैठक में राज्य की पिछड़ी जनजातियों और अन्य आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों के संबंध में विस्तृत रूप से चर्चा हुई।

बैठक में वर्ष 2021-22 के लिए 1320 करोड़ रूपए के विकास कार्यों के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। यह प्रस्ताव स्वीकृति के लिए भारत सरकार को भेजा जाएगा।

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प्रस्ताव में जनजातियों के विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका, कृषि, सड़क संपर्क, वनाधिकार मान्यता पत्रों के वितरण आदि अन्य कार्य शामिल किए गए है। बैठक में सचिव आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति डी.डी. सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम.गीता, सचिव लोक निर्माण सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, सचिव स्वास्थ्य शहला निगार, विशेष सचिव ऊर्जा अंकित आनंद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

संचालक आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास शम्मी आबिदी ने बैठक में जानकारी दी कि “जनजातियों के विकास के लिए इस वर्ष 33 नए एकलव्य स्कूल की स्थापना होगी। विद्यार्थियों के लिए व्यवसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे और नए कम्प्यूटर लैब की सुविधाएं दी जाएगी। आजीविका केन्द्रों में शेड निर्माण, पशुधन केन्द्र, खाद्य प्रसंस्करण इकाई, लाख उत्पादन के निर्माण का कार्य शुरू कराया जाएगा।”

इसके आलावा उन्होंने कहा कि “स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए ट्रांजिस्ट हॉस्टल का निर्माण, प्री-बर्थ वेटिंग रूम, मॉलीक्यूलर वायरोलॉजी लैब निर्माण, पहुंच विहीन क्षेत्र में एंबुलेंस की सुविधा, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ब्लड बैंक की स्थापना, मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला, बाजरा प्रसंस्करण इकाई के निर्माण के कार्य प्रस्ताव में शामिल किए गए है।”

विकास कार्यों को लेकर हुई चर्चा

शम्मी आबिदी ने कहा कि नए सीसी रोड, पुलिया निर्माण कार्य भी कराए जाएंगे। विशेष प्रस्ताव के अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों में तीन साल तक के बच्चों को मुनगा-सोयाबड़ी वितरित करने, कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए फुलवारी योजना, नियमित पूरक पोषण आहार के वितरण को शामिल किया गया है।

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प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत एकीकृत आदिवासी ग्राम विकास योजना के क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार और राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं के समन्वय के माध्यम से विकास कार्यों के संचालन के प्रस्ताव पर भी चर्चा हुई।