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विधानसभा में गोबर ख़रीदी और भुगतान पर हंगामा, विपक्ष ने किया वॉकआउट

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रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक गोधन न्याय योजना (गोबर खरीदी) पर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ है। मंत्री के जवाबों से असंतुष्ट होकर विपक्षीय सदस्यों ने सत्ता पक्ष से जवाब माँगा पर जवाब नहीं आने पर विपक्ष ने हंगामा कर सदन से वॉक आऊट कर दिया।

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विधानसभा में विधायक शिवरतन शर्मा ने गोधन न्याय योजना के तहत हो रही गोबर खरीदी के मामलें में सवाल किया। शर्मा ने सदन में पूछा कि गोबर खरीदी करने वाली एजेंसी कौन सी है? खरीदी के लिए किन लोगों की नियुक्ति की गई है ?

जिसका जवाब देते हुए सूबे के कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने सदन में कहा कि पंचायतीराज अधिनियम के तहत गौठान ग्राम पंचायतों की प्रॉपर्टी है। समितियों का गठन पंचायतों द्वारा गठित की गई है।

मंत्री के इस जवाब पर तत्काल शर्मा ने कहा कि ग्राम सभाओं से समिति बनाने का प्रस्ताव मंगाया गया था। 90 फीसदी से ज्यादा समिति अनुशंसाओं के विपरीत बनाये गए हैं।

गोबर खरीदी के भुगतान पर मची रार

इधर शर्मा गोबर खरीदी के बाद भुगतान से जुड़े सवाल पर कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने जवाब देते हुए कहा कि फरवरी के पहले तक ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से गोबर खरीदी का भुगतान किया गया, इसके बाद कृषि विभाग के माध्यम से भुगतान किया जा रहा है।

इस पर शर्मा ने कहा कि 14 वें और 15 वें वित्त आयोग की राशि से भुगतान के लिए पंचायतों पर दबाव बनाया जा रहा है। यह राशि गांवों के आधारभूत विकास के लिए होती है।

गोधन न्याय योजना मद का नहीं दे पाए जवाब

शिवरतन शर्मा ने सदन में पूछा कि कृषि मंत्री यह बताए कि गोबर खरीदी का भुगतान किन मदों से किया गया ? जिस पर मंत्री चौबे ने बताया कि मद का भुगतान गोधन न्याय योजना के तहत ही किया गया। जो सेस हमने लगाया उसके जरिये भुगतान हुआ है।

मंत्री के जवाब से नाराज़ विधायक शिवरतन शर्मा ने सदन में कहा कि कृषि मंत्री सदन को गुमराह कर रहे है। इधर विपक्षीय विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा कि कितनी राशि गोधन न्याय योजना मद में रखी गई है ? जिसका जवाब कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे सदन में जवाब नहीं दे पाए। जिसके बाद विपक्षीय विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया।