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असम और पश्चिम बंगाल में पीएम मोदी का दौरा, चुनावी राज्यों में देंगे करोड़ो की सौग़ात

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी 7 फरवरी यानी रविवार को असम और पश्चिम बंगाल राज्यों का दौरा करेंगे। सबसे पहले पीएम मोदी असम पहुचेंगे जहां  सुबह लगभग 11:45 बजे दो अस्पतालों का शिलान्यास करेंगे।
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वहीं सोनितपुर जिले के ढेकियाजुली में राज्य के राजमार्गों और प्रमुख जिला सड़कों के लिए समर्पित एक कार्यक्रम ‘असोम माला’ का शुभारंभ करेंगे। इसके बाद, लगभग 4:50 बजे वह राष्ट्र को समर्पित करने के लिए पश्चिम बंगाल के हल्दिया में प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे।

पीएम मोदी असोम माला का करेंगे शुभारंभ

प्रधानमंत्री राज्य में राजमार्गों और प्रमुख जिला सड़कों के नेटवर्क को बेहतर बनाने के उद्देश्य से ‘असोम माला’ का शुभारंभ करेंगे। यह कार्यक्रम निरंतर क्षेत्र डेटा संग्रह के माध्यम से प्रभावी रखरखाव पर जोर देने और सड़क संपत्ति प्रबंधन प्रणाली के साथ इसके जुड़ाव के लिए अद्वितीय है। ‘असोम माला’ राष्ट्रीय राजमार्गों और ग्रामीण सड़कों के नेटवर्क के साथ-साथ निर्बाध मल्टी-मॉडल परिवहन की सुविधा के साथ गुणवत्तापूर्ण अंतर-संपर्क मार्ग प्रदान करेगी। यह परिवहन गलियारों के साथ आर्थिक विकास केंद्रों को भी आपस में जोड़ने का काम करेगा और इससे अंतर-राज्य कनेक्टिविटी में सुधार होगा। असम के मुख्यमंत्री इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।
प्रधानमंत्री दो मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों का शिलान्यास करेंगे जो बिस्वनाथ और चराइदेव में स्थापित किए जा रहे हैं, इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत 1100 करोड़ रुपये से अधिक है। प्रत्येक अस्पताल में 500 बिस्तर की क्षमता और एमबीबीएस की 100 सीटें होंगी। मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों की संख्या में वृद्धि न केवल राज्य में डॉक्टरों की कमी दूर होगी, बल्कि संपूर्ण पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए असम को तृतीयक देखभाल और चिकित्सा शिक्षा का केंद्र बनाएगी।

बंगाल में एलपीजी इंपोर्ट टर्मिनल की सौगात

प्रधानमंत्री भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा निर्मित एलपीजी इंपोर्ट टर्मिनल राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसका निर्माण लगभग 1100 करोड़ रुपये के निवेश के साथ किया गया है और इसकी क्षमता 1 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष है। यह पश्चिम बंगाल और पूर्वी तथा पूर्वोत्तर भारत के अन्य राज्यों में एलपीजी की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करेगा और यह हर घर को स्वच्छ रसोई गैस प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री के स्वप्न को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रधानमंत्री 348 किलोमीटर लंबे डोभी – दुर्गापुर प्राकृतिक गैस पाइपलाइन खंड को देश को समर्पित करेंगे। यह प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना का एक हिस्सा है। यह उपलब्धि ‘एक राष्ट्र, एक गैस ग्रिड’ के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। लगभग 2400 करोड़ रुपये के निवेश से निर्मित इस पाइपलाइन खंड से हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड सिंदरी (झारखंड) उर्वरक संयंत्र को पुनर्स्थापित करने में मदद मिलेगी। इससे दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल) में मैटिक्स उर्वरक संयंत्र को भी आपूर्ति सुनिश्चित होगी और साथ ही राज्य के सभी प्रमुख शहरों में औद्योगिक, वाणिज्यिक तथा ऑटोमोबाइल क्षेत्रों की गैस मांग और शहर में गैस वितरण को पूरा करने का उद्देश्य भी इससे पूरा होगा।
प्रधानमंत्री भारतीय तेल निगम की हल्दिया रिफाइनरी की दूसरी कैटेलिटिक-इसोडेवेक्सिंग इकाई की आधारशिला रखेंगे। इस इकाई की क्षमता प्रति वर्ष 270 हजार मीट्रिक टन होगी और एक बार इसके शुरू होने के बाद परिणामस्वरूप विदेशी मुद्रा में 185 मिलियन अमरीकी डॉलर की बचत होने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राजमार्ग 41 पर हल्दिया के रानीचक में 4 लेन वाला आरओबी-कम-फ्लाईओवर भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इसे 190 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इस फ्लाईओवर के चालू होने से कोलाघाट से हल्दिया डॉक कॉम्प्लेक्स और आसपास के अन्य क्षेत्रों में यातायात की निर्बाध आवाजाही होगी, जिसके परिणामस्वरूप यात्रा के समय में काफी बचत होगी तथा बंदरगाह के भीतर और बाहर भारी वाहनों की परिचालन लागत में भी कमी आएगी।
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ये परियोजनाएं पूर्वी भारत के विकास की प्रगति में प्रधानमंत्री मोदी के पूर्वोदय दृष्टिकोण के अनुरूप हैं। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और मुख्यमंत्री तथा केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।