दुर्ग। चंदूलाल चंद्राकार मेमोरियल मेडिकल कॉलेज को सरकार अधिग्रहित कर संचालित करेगी। इस बात कि घोषणा सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ये घोषणा दुर्ग जिले के कचांदुर ग्राम में स्वर्गीय चंदूलाल चंद्राकार की प्रतिमा के अनावरण के कार्यक्रम में की है।
भैयाजी ये भी पढ़े : चंदूलाल चंद्राकर की पुण्यतिथि पर सीएम भूपेश का ट्वीट, लिखा “मेरे…
इस दौरान उन्होंने कहा कि “इस निजी मेडिकल कॉलेज के शासकीय अधिग्रहण की कार्यवाही शीघ्र आरंभ होगी। इससे इस कॉलेज को नई संजीवनी मिलेगी। ”
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज प्रदेश में मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्र में एक बड़ी पहल करते हुए दुर्ग जिले में संचालित निजी मेडिकल कॉलेज, चंदूलाल चंद्राकार मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण की घोषणा की। pic.twitter.com/8mf0mB2KQa
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) February 2, 2021
इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भिलाई 3 बाजार चौक में स्वर्गीय चंदूलाल चंद्राकर की पुण्यतिथि कार्यक्रम में पहुंचे। जहाँ उन्होंने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
यहां आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि “छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण में स्वर्गीय चंदूलाल चंद्राकर का अहम योगदान है। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण के लिए आंदोलन किए, बैठकें की और व्यापक जन जागृति का निर्माण किया।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि “स्वर्गीय चंद्राकर के पास छत्तीसगढ़ राज्य के विकास के लिए एक विशेष दृष्टि थी। वे यहां हॉर्टिकल्चर की संभावनाओं के संबंध में हमेशा बात करते थे।
आज दुर्ग जिला जो छत्तीसगढ़ राज्य में सब्जी एवं फलों के उत्पादन में शीर्ष स्थान पर है उसके पीछे स्वर्गीय चंदूलाल चंद्राकर जी की सोच का महत्वपूर्ण योगदान है। भिलाई के औद्योगिक विकास में भी उनकी अहम भूमिका रही।”
छत्तीसगढ़िया अस्मिता को रखा साथ-बघेल
मुख्यमंत्री ने कहा कि “खेल पत्रकार के रूप में उन्होंने दुनिया का कोना-कोना देखा। जहां भी गए अपनी छत्तीसगढ़िया अस्मिता को साथ लेकर गए। विदेश यात्राओं में भी अपने साथ हमेशा ठेठरी, खुरमी साथ रखते। साथ ही दातुन ले जाना कभी नहीं भूलते।
जहां भी गए अपने पिता का दिया हुआ लोहे का संदूक लेकर गए। वह देश के शीर्षस्थ पत्रकारों में शामिल थे, लेकिन कभी इसका अहंकार नहीं किया। गांधी जी के साथ बिरला हाउस के दिनों में उन्होंने काफी वक्त बिताया। देश सेवा में स्वर्गीय चंदूलाल चंद्राकर का योगदान अहम है।”