रायपुर। छत्तीसगढ़ में हो रहे राज्यसभा चुनाव में पेंच पर सकता है। जनता कांग्रेस जोगी के कद्दावर नेता अमित जोगी ने राज्यसभा चुनाव के लिए कोर्ट जाने की बात कह दी है।
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दरअसल जनता कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में डॉ हरिदास भारद्वाज ने राज्यसभा के लिए अपना नामांकन दाखिल किया है। नामांकन के बाद अमित जोगी ने प्रस्तावक की संख्या पर उठाए गए सवालों पर जवाब दिया।
अमित जोगी ने कहा कि “मैं यह स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि डॉ. हरिदास भारद्वाज ने अगर निर्दलीय के रूप में नामांकन भरते तो निसंदेह जो हाउस की स्ट्रेंथ है, उसके 10 परसेंट यानी के 9 विधायक के दस्तखत उनको बतौर प्रस्तावक लगते।
लेकिन उन्होंने निर्दलीय के रूप में नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के एकमात्र मान्यता प्राप्त राजनैतिक दल “छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस जे” के प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट के जो स्पष्ट आदेश है प्राप्त दलों के लिए उसके मुताबिक 10% टोटल स्ट्रेंथ इन द हाउस यानी जितने हमारे विधायकों की विधानसभा के अंदर संख्या है उसके 10% लोग प्रस्तावक बनने चाहिए। अमित ने कहा कि यहां पर हमने अपने 10% विधायकों के नहीं पूरे 100% विधायकों को प्रस्तावक बनाया है।”
भाजपा भी कर सकती थी प्रतीकात्मक विरोध
अमित जोगी ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि छत्तीसगढ़ के मान और सम्मान को ध्यान में रखते हुए अन्य दलों के लोग भी साथ देंगे। भाजपा अगर चाहती तो एक विरोध दर्ज करा सकती थी, भले ही वह प्रतीकात्मक विरोध क्यों न होता है।
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उन्होंने कहा कि यह चुनाव हमारे लिए राजनैतिक नहीं है, बल्कि नैतिक है। उन्होंने कांग्रेस पर तंज़ कसते हुए कहा कि “जय हो कांग्रेस का हाईकमान, भाड़ में जाए छत्तीसगढ़ की जनता का मान” कांग्रेस हाईकमान को छत्तीसगढ़ के मान से नहीं धन से प्यार है।”
मान. सर्वोच्च न्यायालय में स्पष्ट किया है कि राज्यसभा निर्वाचन के लिए मान्यता प्राप्त दलों को विधानसभा में उनकी कुल संख्या के 10% लोग प्रस्तावक होना चाहिए जबकि अगर कोई निर्दलीय नामांकन भर्ता है तो उसके विधानसभा की कुल संख्या के 10% लोग प्रस्तावक होना चाहिए।यदि @bhupeshbaghel 1/2 pic.twitter.com/2NBGPjJ192
— Amit Ajit Jogi (@amitjogi) May 31, 2022